भारत (India) और कनाडा (Canada) के संबंधों को हाल ही में बड़ा झटका लगा है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने कनाडा में रह रहे खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारतीय एजेंसियों को ज़िम्मेदार बताया था। ट्रूडो ने इस मामले में अपनी संसद में भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाया। इतना ही नहीं, इस मामले में कनाडा ने भारत के एक डिप्लोमैट को बर्खास्त भी कर दिया। भारत ने कनाडा के आरोप को झूठा बताते हुए ‘जैसे को तैसा’ करते हुए कनाडा के ओलिवियर सिल्वेस्टेर नाम के डिप्लोमैट को बर्खास्त करते हुए देश छोड़ने के लिए कह दिया। हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार कनाडा ने इस मामले में अमेरिका (United States Of America) और यूके (UK) का साथ मांगा था।
कनाडा ने क्यों मांगा अमेरिका और यूके का साथ?
कनाडा ने भारत पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका और यूके का साथ मांगा था। कनाडा चाहता था कि अमेरिका और यूके इस मामले में भारत की निंदा करें।
अमेरिका और यूके ने किया किनारा
कनाडा की मांग से अमेरिका और यूके दोनों ने ही किनारा कर लिया है। दोनों ने ही इस बेबुनियाद मामले में भारत की निंदा करने से मना कर दिया। पिछले कुछ साल में अमेरिका के भारत से संबंधों में मज़बूती आई है और अमेरिका इन्हें और भी मज़बूत बनाना चाहता है। वहीं यूके भी भारत की खिलाफत नहीं करना चाहता।