Political Brother And Sister Of India: रक्षाबंधन के मौके पर पत्रिका आपके लिए लेकर आया है दस राजनीतिक भाई बहन के रिश्तों की कहानी…
Political Brother And Sister Of India : रक्षाबंधन का जश्न पूरे देश में शुरू हो चुका है। शुभी मुहूर्त का इंतजार किया जा रहा है। ऐसे में हम आज आपको देश की राजनीतिक भाई बहनों की जोड़ी से मिलवाने जा रहे हैं जिन्होंने साथ रहते हुए राजनीति की एक अलग पटकथा लिखी। रक्षा के बंधन को बखूबी निभाया यह अलग बात हैं कि कुछ के रास्ते अब अलग है और कुछ अभी भी साथ हैं और कुछ नेपथ्य से अपना काम कर रहे हैं लेकिन चर्चा में हैं…
1-राहुल गांधी और प्रियंका गांधी
देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सोनिया गांधी की संतान इस समय देश में इस भाई बहन की जोड़ी को कौन नहीं जानता है। राहुल गांधी सांसद हैं और प्रियंका गांधी कांग्रेस पार्टी की महासचिव। चुनाव हो या फिर राहुल गांधी का कोई अन्य मसला प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल गांधी का समर्थन करने के कोई कसर नहीं छोड़ती हैं।
2-तेजस्वी, तेज प्रताप और मीसा भारती
बिहार राजनीति में ये तीनों भाई बहन पूर्व मुख्यमंत्री लालू और राबड़ी यादव की विरासत को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। तेजस्वी, तेजप्रताप और मीसा भारती चुनाव राजनीति को संभाल रहे हैं। मीसा राज्यसभा से सांसद रह चुकी हैं। वहीं दोनों भाई इस समय बिहार में मंत्री पद संभाल रहे हैं।
3-वसुंधरा, यशोधरा और माधवराव
मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र तक की राजनीति में इन तीनों भाई बहनों का जबरदस्त वर्चस्व रहा। मध्यप्रदेश में मंत्री यशोधरा राजे का वर्चस्व रहा तो वहीं वसुंधरा राजे ने भी राजस्थान में एकछत्र राज किया। माधवराव सिंधिया का केंद्र में दखल और वर्चस्व कौन नहीं जानता है। आजकल उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं और अब पूरा सिंधिया परिवार भाजपा में है।
4-उमर अब्दुल्ला और सारा पायलट
29 साल की उम्र में देश के सांसद बने उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं और इस समय जेकेएनसी के अध्यक्ष हैं। इनकी बहन सारा पायलट यूं तो राजनीति से दूर हैं लेकिन राजनीतिक परिवार में ब्याही हैं। इनकी शादी सचिन पायलट से हुई है। यह राजनीतिक प्रचार के मौके पर सचिन पायलट के साथ रहती हैं। सारा पायलट लो प्रोफाइल रहती हैं।
5-राहुल महाजन और पूनम महाजन
भाजपा के दिग्गज नेता प्रमोद महाजन के पुत्र और पुत्री हैं। राहुल महाजन पूनम महाजन के बड़े भाई हैं। राहुल महाजन पेशे से पायलट हैं और बालीवुड में हाथ अजामा चुके हैं। वहीं उत्तर-मध्य मुंबई से बीजेपी की लोकसभा सांसद है। कभी नशे में डूब चुके राहुल को पूनम महाजन ने निकाला और उन्हें मुक्ति दिलाई।
6-एमके स्टालिन और कनिमोझी
तमिलनाडु की राजनीति में एमके स्टालिन और कनिमोझी राजनीति के सबसे मजबूत भाई बहन हैं। यह दोनों तमिलनाडु अब पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। कनिमोझी करुणानिधि की बेटी है और एमके स्टालिन उनके बेटे हैं। स्टालिन इस समय तमिलनाडू के मुख्यमंत्री हैं और कनिमोझी इस समय सांसद के रूप में केंद्र की राजनीति में सक्रिय हैं।
7-केटी रामाराव और कविता
तेलंगाना की राजनीति में ये दोनों भाई बहन पूरी तरह से सक्रिय हैं। के.कविता तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी हैं और केटी राम राव इनके बेटे हैं। इस समय केटी रामाराव प्रदेश के उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास राज्यमंत्री पद संभाल रहे हैं। वहीं के कविता विधायक हैं। ये दोनों ही भाई बहन पिता की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने का काम कर रहे हैं।
8-जगन मोहन रेडडी और शर्मिला
आंध्रप्रदेश की राजनीति में जगन मोहन रेडडी और शर्मिला ये भाई बहन एक बड़ा नाम हैं। जगन मोहन रेडडी इस समय आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री है तो वहीं उनकी बहन शर्मिला भी राजनीति में सक्रिय हैं। जगन मोहन रेडडी की यात्रा निकलाने से लेकर मुख्यमंत्री पद तक की यात्रा में शर्मिला का बड़ा योगदान रहा है। राजनीतिक राहें भले अब अलग हों लेकिन राजनीति की शुरुआत दोनों भाई बहन ने नायाब की।
9-अजीत पवार और सुप्रिया सुले
महाराष्ट्र की राजनीति के अब दो ध्रुव बन चुके अजीत पवार और सुप्रिया सुले के रिश्ते को कहां ले जाएगी ये अलग बात है लेकिन दोनों चचेरे भाई-बहन महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े चेहरे है। सुप्रिया सुले शरद पवार की एकलौती बेटी और सांसद हैं वहीं अजीत पवार इन दिनों महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री हैं।
10-विजयलक्ष्मी पंडित और जवाहरलाल नेहरू
यह भारत की पहली भाई बहन जोड़ी थे जिसने सक्रिय राजनीति में ध्रुव स्थापित किया। जवाहर लाल नेहरू जहां देश के प्रधानमंत्री बनें वहीं उनकी बहन विजयलक्ष्मी पंडित देश की स्वतंत्रता से पूर्व कैबिनेट पद संभालने वाली पहली महिला बनी। संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला थी। महाराष्ट्र की राज्यपाल रहीं और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में भारत का प्रतिनिधित्व किया।