चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) ने चांद पर जिस जगह पर अपना कदम रखा उसका नाम पीएम ने ‘शिव शक्ति पॉइंट’ रखा है। रोवर ने जब अपने स्थान से 8 मीटर की दूरी तय की थी तो उसके सामने चार मीटर व्यास का एक गड्ढा आया गया, जिसके चलते इसरो ने उसे रास्ता बदलने का निर्देश दिया। अब इस नए रास्ते पर चलकर रोवर विक्रम ने चंद्रमा की सतह के कुछ नमूने लिए हैं। जिनकी जांच करने पर पता चला है कि चंद्रमा की सतह पर पृथ्वी पर पाए जाने वाले कई तत्वों की मौजूदगी है।
चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल (LM) के चंद्रमा की सतह पर उतरने के साथ ही इतिहास रच दिया। भारत ये उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन गया। इसरो की दूसरी सफलता ये थी कि पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश है। ऐसे में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त को उस स्थान का नाम “शिव शक्ति पॉइंट” रखने की घोषणा की जहां चंद्रयान -3 विक्रम लैंडर ने सॉफ्ट लैंडिंग की थी। जबकि 2019 में चंद्रयान -2 लैंडर चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था उसे तिरंगा पॉइंट के नाम से जाना जाएगा।
चांद की सतह पर अब क्या मिला? भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने मंगलवार को चंद्रयान को लेकर एक और अपडेट जारी किया। जिसके मुताबिक रोवर पर लगे लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) उपकरण के जरिए चंद्रमा की सतह के नमूनों में कई तत्वों की मौजूदगी का पता लगाया। इसरो की ओर से जारी अपडेट के मुताबिक चांद की सतह में सल्फर (S) की उपस्थिति है। इसके अलावा, चांदी, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंग्नीज, सिलिका और ऑक्सीजन की मौजूदगी का पता चला है।