चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हमें ट्रिपल-आर पर कार्य करना होगा, जिसमें पहला रिसाइक्लिंग, दूसरा रियूज व तीसरा रिड्यूृस शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल आज पंचकूला मेंं विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में हरित निर्माण पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला-पर्यावरण संरक्षण व अनापत्ति की ओर बढ़ते कदम, का उदघाटन करने के बाद पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विभाग व एनजीओ के प्रतिनिधियो को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विकास के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा जरूरी है। पूरे विश्व को पर्यावरण के संवद्र्धन एवं संरक्षण के लिए एक जैसी नीति बनाकर कार्य करना होगा ताकि सभी देशों में पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके तथा भविष्य की पीढिय़ों के लिए हम स्वच्छ पर्यावरण देने में सक्षम हो सके।
इस कार्यशाला का आयोजन राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण (सीया), हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व सर्च फाउंडेशन के संत तत्वावधान में किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पूरे विश्व को चिंतन करने की आवश्यकता है। प्रकृति मनुष्य के प्रति बहुत ही दयालु रही है तभी उसने मनुष्य की सबसे बड़ी जरुरत हवा, पानी, पेड़, जंगल, पहाड़ मुफ्त में दिए है। प्रकृति ने ही हमें ऐसे जीव दिए जो साफ-सफाई व स्वच्छता में भी मनुष्य का सहयोग करते है, इनमें सबसे प्रमुख गिद्ध है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2001 में गिद्धो की लुप्त होती प्रजाति को बचाने के लिए कार्य योजना तैयार की तथा गिद्धों के संरक्षण व संवद्र्धन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गिद्धों का भी स्वच्छता अभियान में अहम योगदान है क्योंकि वे मरे हुए पशुओं को खाकर वातावरण को स्वच्छ बनाने में सहयोगी है।
उन्होंने कहा कि आज ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन परत व बढ़ती कार्बन-डायोक्साइड से पूरे विश्व में पर्यावरण को खतरा है। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सबसे अधिक योगदान पेड़ पौधों व वनस्पतियों का है, इनमें पीपल का पेड़ व तुलसी का पौधा हमें दिन रात आक्सीजन देते है। महात्मा बुद्ध ने भी पीपल के पेड़ के नीचे ही ज्ञान की प्राप्ति की तथा भगवान श्री कृष्ण में कुरुक्षेत्र में गीता का उपदेश वट वृक्ष के नीचे दिया था, यह वैज्ञानिक रूप से रिसर्च का विषय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्यावरण को स्वच्छ रखने की सोच के कारण ही देश में स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की गई, जिसके भविष्य में बहुत ही साकारात्मक परिणाम आएंगे। प्रदेश सरकार ने शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत स्वच्छ हरियाणा अभियान चलाया हुआ है, जिसमें सभी लोगों से सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि पॉलिथीन पर्यावरण को प्रदूषित करने में सबसे बड़ा कारण है। इसलिए हमें दैनिक प्रयोग में पॉलिथीन की बजाय जूट व कपड़े से बने थैले व कैरी बैग प्रयोग में लाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रकृति से हमें जो संसाधन जैसे पानी, पेड़, पहाड़ आदि का दोहन कम से कम व जरुरत के अनुसार ही करना चाहिए ताकि पर्यावरण व विकास में संतुलन बना रहे।
उन्होंने कहा कि कई विकास कार्यों के लिए विभिन्न विभागों अनापत्ति प्रमाण पत्रों की आवश्यकता रहती है, लेकिन कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण इस पर बार-बार आपत्ति लगाई जाती है, लेकिन विभागों को इस अनापत्ति प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए तथा दूसरी बार की आपत्ति मान्य नहीं होनी चाहिए। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने पौधारोपण किया, पर्यावरण स्वीकृति के लिए ऑन लाइन वेब पोर्टल की शुरूआत की तथा एक मार्गदर्शन पुस्तिका का विमोचन भी किया। इस पुस्तक में हरियाणा राज्य में पर्यावरण और सामाजिक प्रबंधन हेतू नोडल, उपनोडल केंद्रों के सर्जन के लिए मार्गदर्शन से संबंधित जानकारी है।
एसईआईएए हरियाणा के चेयरमेन भारत भूषण ने कहा कि इस वर्कशॉप का विषय बहुत ही प्रासंगिक व विचारणीय है। हमें अपने आस-पास बहुत तेजी से हो रहे विकास कार्यों एवं निर्माण परियोजनाओं को देख रहे है। हमारे पदार्थों एवं संसाधनों पर निरंतर दबाब बढ़ रहा है। इन विकास कार्यों को रोक देना व देर कर देना विकल्प नहीं है। इसलिए हमें विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के मध्य एक व्यवहारिक संतुलन बनाना पड़ेगा। इस दिशा में ग्रीन बिल्डिंग एक बेहतर विकल्प है। यह संसाधन संरक्षण तथा पर्यावरण अतिक्रमण को न्यूनतम संभव स्तर तक रोकने के लिए अच्छा साधन है। पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कॉर्पोरेट एनवायरनमेंट तथा सोशल रेस्पोंसिबिलिटी एक महत्वपूर्ण कारक है।
विधायक ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि हमारा मौलिक कत्र्तव्य है कि हम अपने आस पास साफ सफाई, पर्यावरण को शुद्ध रखना तथा पेड़ पौधों का संरक्षण करना हमारी मौलिक ड्यूटी है। उन्होंने कहा कि हमें पानी के संरक्षण के लिए भी लोगों को जागरुक करना है तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत के स्वप्न को पूरा करते हुए आगे बढऩा है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन सभ्यता भी यह है कि हम प्रकृति के साथ छेड़छाड़ किए बगैर भी आगे बढ़ सकते है।
इस अवसर पर ईएसी के चेयरमेंन अनिल राजदान, पर्यावरण विभाग के महानिदेशक एसके गोयल, एचएसपीसीबी के चेयरमेंन एवं प्रधान सचिव पर्यावरण विभाग एसएन राय, संयुक्त सचिव एमके सिंह, सर्च फाउंडेशन के चेयरमेन डा. धीरज केआर सिंह ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर नगरनिगम की मेयर उपेंद्रकौर आहलुवालिया, डिप्टी मेयर सुनील तलवार, डीसीपी अनिल धवन, एसडीएम कालका आशुतोष राणा व स्टेकहोल्डर्स सहित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।