दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डेन दुनिया भर के पयर्टकों के लिए आकर्षण का केंद रहा हैं। भारत के आर्कषक पयर्टक स्थलों में ये उद्यान शामिल है। हर साल इसकी खूबसूरती को निहारने के लिए लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं।
बिट्रिश शासन के दौरान राष्ट्रपति भवन के पिछले हिस्से में निर्मित इस खूबसूरत मुगल गार्डेन का नाम जनवरी 2023 में केंद्र की मोदी सरकार ने बदलकर अमृत उद्यान कर दिया है।
वहीं पहले जहां शुरूआत से बसंत के मौसम यानी स्प्रिंग सीजन में साल में एक बार आम जनता के लिए खोला जाता था वहीं अब ये साल में दो बार पर्यटकों के देखने के लिए खुलने लगा है। 16 अगस्त यानी आज से इसे फिर आम जनता के लिए एक महीने के लिए खोला गया है। आइए जानते हैं मुगल गार्डेन से अमृत उद्यान बनने का अब तक इस ऐतिहासिक उद्यान का सफर और इसके खास आकर्षण समेत अन्य जानकारियां।
अंग्रेजों ने करवाया था इसका निर्माण
राष्ट्रपति भवन के पिछले हिस्से में स्थित इस गार्डेन का निर्माण बिट्रिश शासन के दौरान अंग्रेजों ने तब करवाया था जब भारत की राजधानी कलकत्त्ता से दिल्ली करने का फैसला किया गया था। राष्ट्रपति भवन की डिजाइन करने के साथ अंग्रेज वास्तुकार सर एडवर्ड लुटियन्स ने इसे भी डिजाइन किया था। ये उद्यान चार हिस्सों में बंटा हुआ है और चारों हिस्सों की अलग-अलग खासियत है।
मुगल उद्यान हमेशा से लोगों को आकर्षित करता रहा है
वर्ष 1947 को जब भारत देश को आजाद हुआ था उसके बाद इसका वायसराय हाउस का नाम बदलकर राष्ट्रपति भवन कर दिया गया, ये भवन शुरूआत में जैसा था, वैसा ही आज भी है। वहीं मुगल गार्डेन में भी कोई खास बदलाव नहीं आया बस इसे समय-समय पर उत्कृष्ठ पेड़ पौधों को अपग्रेड कर और बेहतर बनाया गया।
गुलाब की ही 250 से भी अधिक किस्में हैं
अमृत उद्यान में गुलाब की ही 250 से भी अधिक किस्में हैं। ओकलाहोमा नाम का गुलाब भी इस गार्डेन में सदा से आकर्षण का केंद्र रहा है, इस गुलाब के फूल का रंग काला है। इसके अलावा यहां पर 70 अलग-अलग प्रजातियों के 5 हजार से अधिक सीजनल फूलों की वैराइटी है। इसके अलावा ट्यूलिप के अलावा अन्य प्रजातियों के फूल हैं। गुलदाउदी, बॉगनविलिया की ५० से अधिक किस्में और गेंदा के अलावा अन्य खूबसूरत फूल यहां पर हैं। मॉलश्री, पुत्रंजीव, सरू, जुनिपर, चाइन आरेंज समेत दुनिया भर के अधिकांश पेड़ पौधे इस उद्यान को और खास बनाते हैं।
देश के पहले राष्ट्रपति ने इसे आम जनता के लिए खुलवाया था
15 एकड़ में फैले इस आकर्षक उद्यान को देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने आम जनता के लिए खुलवाया था। तभी से बसंत के मौसम में इसे पर्यटकों के लिए खोले जाने की परंपरा चली आ रही है। हालांकि मोदी सरकार के कार्यकाल में अब ये उद्यान साल में दो बार पर्यटकों के लिए खोला जाने लगा है।
राष्ट्रपति भवन की आत्मा है ये उद्यान
मुगल गार्डेन राष्ट्रपति भवन की आत्मा कहा जाता है। पौधे और फूलों के बारे में पर्यटक जान सके इसके लिए सभी पौधों पर क्यूआर कोड लगाने की बात सामने आई थी। इसके अलावा पर्यटकों को इस उद्यान के बारे में बताने के लिए लगभग 20 प्रोफेशनल गाइड रखे गए हैं।
जानें टिकट और उद्यान का खुलने और बंद होने का समय
16 अगस्त 2023 से 17 सितंबर 2023 तक आम पर्यटकों के लिए ये खुला रहेगा। पर्यटकों के लिए अमृत उद्यान सोमवार को बंद रहेगा। पर्यटक यहां जाने से पहले वेबसाइट visit.rashtrapatibhavan.gov.in/plan-visit/amrit-udyan/rE/mO पर ई-टिकट बुक करवा सकते हैं। वहीं अमृत उद्यान आने वाले पर्यटक गेट नंबर-35 के नजदीक स्थित ‘कियोस्क’ से भी एंट्री पास प्राप्त कर सकते हैं। अमृत उद्यान में एंट्री फ्री रखी गई है।
अमृत उद्यान का घूमने का समय
सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक अमृत उद्यान में घूम सकते हैं। उद्यान में एंट्री का आखिरी समय 4 बजे निर्धारित किया गया। वहीं 5 सितंबर शिक्षक दिवस को उद्यान विशेष रूप से शिक्षकों के लिए खुला रहेगा।