गुजरात की रहने वाली बेबी अरिहा शाह लगभग 20 महीने से जर्मनी में फंसी है. वहां उसे चाइल्ड केयर सेंटर में रखा गया है. बच्ची के माता-पिता पर आरोप लगाकर बच्ची को कस्टडी में भेजा गया था. हालांकि, बाद में आपराधिक आरोप हटा लिए गए. लेकिन बच्ची को माता-पिता को नहीं सौंपा गया.
जर्मनी में फंसी गुजरात की बेबी अरिहा शाह के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है. अरिहा नाम की बच्ची को जर्मनी के फोस्टर केयर में लगभग 20 महीने से रखा गया है. इस मामले में बच्ची की मां लगातार मोदी सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रही है. इस मामले में सरकार ने इस हफ्ते जर्मनी के राजदूत को तलब किया था.
भारतीय बच्ची अरिहा की रिहाई को लेकर भारत ने इस हफ्ते जर्मनी के राजदूत फिलीप एकरमैन (Philipp Ackermann) को तलब किया गया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची का कहना है कि अरिहा मामले को लेकर इस हफ्ते एकरमैन को तलब किया गया था. भारत का कहना है कि बच्चे के लिए धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक माहौल का होना बहुत महत्वपूर्ण है.
पिछले साल दिसंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरिहा मामले को लेकर जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बायरबॉक के समक्ष चिंता जताई थी. परिजनों का आरोप है कि बच्ची को बर्लिन में 20 महीने से फोस्टर केयर सेंटर में रखा गया है.