● सीईटी पर हठधर्मिता छोड़ सीईटी पास सभी को लिखित परीक्षा देने दी जाए
चंडीगढ़। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया है कि बाढ़ से त्रस्त किसानों व ग्रामीणों को पोर्टल में उलझा कर सरकार उनकी मुश्किलें और बढ़ा रही है। उन्होंने यहां जारी बयान में कहा कि कहां, किस खेत-ढाणी-बस्ती-मुहल्ले में कितना पानी खड़ा है, अधिकारी मौके पर जाकर निरीक्षण करें और तत्काल मुआवजे के लिए सरकार को रिपोर्ट भेजें। उन्होंने कहा कि किसान चौतरफा मुश्किलों से घिरे हैं, उन्हें नई फसल की बुआई के लिए बीज,खाद, कीटनाशक खरीदने के लिए विशेष राशि तथा बाढ़ से नष्ट फसल का मुआवजा सरकार 48 घंटे में दे।
कुमारी सैलजा ने कहा कि यह सरकार आम ग्रामीणों किसानों को पोर्टल के नाम पर परेशान किए हुए हैं उन्होंने कहा कि किसानों के लिए यह आपातकाल की स्थिति है ऐसी स्थिति में उनकी तुरंत मदद की जाए जिन किसानों के घर व खेत पानी में गिरे हुए हैं ,वह किस कंप्यूटर पर, किस पोर्टल पर जाकर अपने खेत खलिहान की जानकारी सरकार को देंगे ,सरकार की स्वयं यह जिम्मेदारी है कि किसानों में ग्रामीणों के संकट के समय में ऐसे नियम कानूनों में ढील देकर किसानों व ग्रामीणों की तुरंत मदद करें ताकि वह अपनी फसल की बिजाई फिर से कर सकें
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कृषि मंत्री के जापान दौरे का औचित्य
कुमारी सैलजा ने कहा कि आधा हरियाणा बाढ़ की चपेट में है, हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी, नई फसल की बुआई खतरे में है, किसान भारी आर्थिक व मानसिक तनाव में है, दूसरी तरफ हरियाणा के कृषि मंत्री अधिकारियों के लाव लश्कर के साथ जापान में डेरा जमाए बैठे हैं। कृषि मंत्री का यह दौरा एक-दो दिन का नहीं पूरे आठ-नौ दिन का है । कुमारी सैलजा, जो कांग्रेस की छत्तीसगढ़ प्रभारी भी हैं, ने कहा कि यह तो वही बात हुई कि ‘रोम’ जलता है तो जलता रहे, ‘नीरो’ को तो बंसी बजानी ही है।
सरकार लोकतंत्र के मूल सरोकारों को भूल कर आचरण कर रही है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि चार दिन पूर्व मुख्यमंत्री सिरसा में बाढ़ग्रस्त इलाकों, डूबे खेतों का निरीक्षण करने आए थे लेकिन एयरपोर्ट से ही वापस लौट गए, जबकि हिसार में भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करने में अनेक घंटे लगाए, लोकतंत्र में जनहित के मुद्दों पर तात्कालिकता, प्राथमिकता न समझने वाले नेताओं को जनता चुनावों में करारा सबक सिखाती है।
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चार का मोह छोड़ें सीएम
कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार व सीएम चार के मोह से बाहर क्यों नहीं आ रहे? दूसरे कार्यकाल के चार साल में तो सरकार ने बिलकुल नौकरी नहीं दी, अब दे रही है तो लिखित परीक्षा में भी एक पोस्ट के साथ चार युवाओं को ही अनुमति दी जा रही है। सरकार ने हरियाणा के बेरोजगारों के सामने ऐसा चौराहा बना दिया जिसका कोई छोर नहीं, दूर-दूर तक कहीं मंजिल दिखाई नहीं देती।
कुमारी सैलजा ने कहा कि बेरोजगारी के मामले में हरियाणा नंबर वन पोजीशन पर आ चुका, हरियाणा सरकार इस कड़वे सच से अवगत तो है पर अपनी झेंप मिटाने के लिए हर मंच पर इसे स्वीकार करने से इनकार कर रही है।
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अंक सुधार का मौका नहीं दिया
कुमारी सैलजा ने कहा कि
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने वादा करके भी सामाजिक-आर्थिक आधार पर अंक क्लेम करने वाले अभ्यर्थियों को अंक सुधार का अंतिम अवसर भी नहीं दिया। अनजाने में गलती करने वाले तमाम अभ्यर्थियों को डिफॉल्टर घोषित करना किसी भी सरकार के लिए अच्छा नहीं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मूल सिद्धांत का पालन करते हुए सरकार को सीईटी परीक्षा पास करने वाले सभी अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा के लिए बुलाना चाहिए। सीईटी परीक्षा पास करने वाले लाखों अभ्यर्थी मारे-मारे फिर रहे हैं , सरकार को हठधर्मिता छोड़नी चाहिए।