Gyanvapi Case: खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मध्य प्रदेश में खंडवा के इतवारा बाजार स्थित कुंडलेश्वर महादेवगढ़ में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की ही शोध रिपोर्ट आधार बनी थी और शिवलिंग की प्रामाणिकता साबित हुई थी।
उत्तर प्रदेश में वाराणसी के ज्ञानवापी का कनेक्शन अब महादेवगढ़ से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
ज्ञानवापी के इतिहास को जानने के लिए होगा सर्वे
इसकी तरह ही ज्ञानवापी के इतिहास को जानने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) का सर्वे होगा। यानी, ज्ञानवापी मामले में खंडवा के महादेवगढ़ की एएसआइ शोध रिपोर्ट आधार बनी है। ज्ञानवापी केस में पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णुशंकर जैन ने इंटरनेट मीडिया पर ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने सवाल उठाया था कि जब एएसआइ खंडवा में शिवलिंग की जांच कर उसके ऐतिहासिक महत्व को बता सकता है तो ज्ञानवापी में क्यों नहीं।
महादेवगढ़ मंदिर अस्तित्व खो चुका था
बता दें कि 12वीं सदी में बना खंडवा का महादेवगढ़ मंदिर अस्तित्व खो चुका था। चट्टान में उत्कीर्ण शिवलिंग के पास कुछ लोगों ने भैंसों का तबेला बना रखा था। जब इस शिवलिंग के रखरखाव की बात उठी तो हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई।
मंदिर के नाम पर अतिक्रमण
याचिकाकर्ता मोहम्मद लियाकत पवार द्वारा बताया गया कि मंदिर के नाम पर अतिक्रमण किया जा रहा है। इसे हटाया जाए। मामला कोर्ट में पहुंचा तो जिला प्रशासन से जवाब मांगा गया। तब जिला प्रशासन ने इसके प्राचीन होने का सर्वे पुरातत्व विभाग से करवाया। कार्यालय उपसंचालक पुरातत्व इंदौर के तकनीकी सहायक डा. जीपी पांडेय ने जांच के बाद 13 फरवरी 2015 को कलेक्टर कार्यालय को जो रिपोर्ट सौंपी, उसमें महादेवगढ़ के शिवलिंग को 12वीं सदी का बताया गया। इसके बाद से सनातन धर्मावलंबी वहां पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान करने लगे।
ट्वीट को हजारों लोगों ने लाइक किया
वकील विष्णुशंकर जैन ने इंटरनेट मीडिया पर महादेवगढ़ की तस्वीर के साथ आर्टिकल शेयर कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठाया था। उन्होंने एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट को हजारों लाइक मिले और सैकड़ों लोगों ने री-ट्वीट भी किया। खंडवा के उक्त मंदिर के अस्तित्व की लड़ाई लड़ने वाले महादेवगढ़ मंदिर संरक्षक अशोक पालीवाल व अन्य भक्त खंडवा की ही तरह ज्ञानव्यापी के सर्वे को लेकर प्रसन्न हैं। इनका कहना है कि ज्ञानवापी का फैसला भी हिंदुओं के पक्ष में आएगा।