भारत एक आस्था प्रधान देश है. यहां ईश्वर में और उसके चमत्कारों में आस्था रखने वालों की संख्या करोड़ों में है.
सबसे बड़ी बात की इन आस्थावान लोगों के पास अपनी आस्था के पक्ष में रखने के लिए कई तर्क और चमत्कार भी हैं, जिन्हें विज्ञान भी नहीं काट पाता.
ऐसा ही एक चमत्कारी मंदिर है बिहार के कैमूर में. चलिए आपको इस मंदिर की खासियत बताते हैं.
कौन सा है वो चमत्कारी मंदिर
हम जिस चमत्कारी मंदिर की बात कर रहे हैं, वो बिहार के कैमूर में है. यहां कैमूर की पहाड़ियों पर माता मुंडेश्वरी देवी का मंदिर है. पूरे भारत में इस मंदिर की मान्यता है. लोगों का मानना है कि यहां जो मांग लिया वो पूरा ही होता है. यही वजह है कि लोग यहां मन्नत के लिए जानवरों की बली भी देते हैं. लेकिन सबसे बड़ी बात तो ये है कि इस बलि में किसी जीव की हत्या नहीं होती.
क्या है ये अनोखी बलि प्रथा?
बिहार के कैमूर के पर्वतों पर करीब 600 फीट की ऊंचाईं पर स्थित इस मंदिरो को लेकर एक मान्यता है कि जब आप यहां कोई जीव बलि के लिए लाते हैं तो उस जानवर को देवी के पास ले जाया जाता है और फिर पुजारी कुछ अक्षत यानी चावल के दाने जीव पर फेंकता है तो वो जीव तुरंत ही मूर्क्षित हो कर वहीं गिर जाता है. ये बिल्कुल ऐसा लगता है जैसे इस जीव की जान चली गई. हालांकि, ऐसा नहीं होता, पूजा के बाद ये जीव उठ खड़ा होता है और बड़े आराम से अपने पैरों पर चलकर मंदिर से बाहर आ जाता है.
मंदिर की और खास बातें
कहा जाता है कि जहां ये मंदिर बना है उस जगह पर मां ने चण्ड-मुण्ड नाम के असुरों का वध किया था. इसलिए ही ये माता मुंडेश्वरी देवी के नाम से प्रसिद्ध हैं. आपको बता दें, मंदिर की एक चमत्कारिक बात ये भी है कि, यहां भगवान शिव का एक पंचमुखी शिवलिंग है जो दिन में तीन बार रंग बदलता है.