प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले सप्ताह होने वाली फ्रांस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी। इसके साथ ही नौसेना के लिए राफेल विमानों की खरीद को लेकर भी बातचीत हो सकती है।
हालांकि आधिकारिक रूप से इस बारे में सरकार की तरफ से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहा कि वायुसेना के बेड़े में सफलतापूर्वक 36 राफेल विमानों को शामिल किए जाने के बाद अब नौसेना को भी इन्हीं शक्तिशाली विमानों से लैस करने पर विचार हो रहा है।
दरअसल, कुछ ही समय पूर्व नौसेना में विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को शामिल किया गया है। इस पोत पर तैनाती के लिए नौसेना को तत्काल युद्धक विमानों की जरूरत है। अभी नौसेना मिग-29 के विमानों का इस्तेमाल कर रही है, जिनमें से ज्यादातर आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात हैं। इसलिए दोनों विमानवाहक पोतों को लैस करने के लिए तत्काल और युद्धक विमानों की जरूरत है।
सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा के दौरान राफेल ने नौसेना संस्करण की खरीद को लेकर बातचीत होने के आसार हैं। दोनों देशों के अधिकारियों की तरफ से इस बारे में शुरुआती तैयारियां की गई हैं। हालांकि डीआरडीओ नौसेना के लिए एक दो इंजन वाला विमान तैयार कर रहा है लेकिन उसकी पहली उड़ान 2026 में प्रस्तावित है। यह मूलत: तेजस का आधुनिक संस्करण होगा। यदि सबकुछ सही रहा तो यह विमान 2030 तक नौसेना को मिल पाएगा। लेकिन उससे पहले वायुसेना को लड़ाकू विमानों की जरूरत होगी। जिसकी पूर्ति तत्काल विदेशों से खरीद कर ही संभव है।
सूत्रों ने कहा कि भारत की तरफ से फ्रांस के समक्ष भारत में राफेल के नौसेना संस्करण के निर्माण का प्रस्ताव रखा जा सकता है। मेक इन इंडिया को लेकर फ्रांस की तरफ से सकारात्मक रुख अपनाया गया है। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि नौसेना को तत्काल कितने लड़ाकू विमानों की जरूरत है। लेकिन यह संख्या 30-40 के बीच में होने का अनुमान है।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी 14 जुलाई को फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में गेस्ट आफ ऑनर के रूप में मौजूद रहेंगे। इस मौके पर बेस्टाइल डे परेड में मार्च पास्ट के लिए भारतीय सेनाओं की एक टुकड़ी भी फ्रांस गई है। इस दौरान रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में सहयोग और रक्षा से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी बातचीत होने के आसार हैं। भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी के 25 साल भी पूरे हो रहे हैं।