श्रीलंकाई संसद अध्यक्ष ने आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए भारत को धन्यवाद कहा है। सांसद ने कोलंबो और दिल्ली को एक दूसरे का भरोसेमंद मित्र बताया है। बता दें, पिछले आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत कई क्रेडिट लाइनों और मुद्रा समर्थन के माध्यम से 4 बिलियन अमरीकी डालर की बहु-आयामी सहायता प्रदान की थी।
भारत मदद तो श्रीलंका में एक तरह का नरसंहार होता
श्रीलंका सरकार ने इंडियन ट्रेवल कांग्रेस के सदस्यों के लिए रात्रिभोज की मेजबानी की। इस दौरान संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अबेवर्धने ने कहा कि भारत ने वित्तीय संकट के दौरान हमें बचाया। नहीं तो श्रीलंका में एक तरह का नरसंहार होता। श्रीलंका और भारत सांस्कृतिक, राष्ट्रीय और नीतिगत रूप से काफी करीब से जुड़े हैं। इन सबसे बढ़कर भारत श्रीलंका का भरोसेमंद दोस्त रहा है। मुसीबत के समय भारत ने हमेशा मदद की है। भारत हमारे ऋणों के पुनर्गठन को 12 साल के लिए बढ़ाने को तैयार है। इतिहास में किसी ने हमारी ऐसी मदद नहीं की और न ही ऐसे मदद की हमने उम्मीद की थी।
हम भारत के साथ जुड़े हैं
संसद अध्यक्ष ने कहा कि हम पर आई मुसीबत से भारत ने ही हमें बचाया है। अध्यक्ष ने श्रीलंका में भारतीय राजदूत गोपाल बागले का जिक्र करते हुए कहा कि आपके राजदूत हमारे बहुत करीबी दोस्त हैं। हमें उनसे प्यार है। हम उनका सम्मान करते हैं। सिंह और सिंघे की बीच समानता के बारे में उन्होंने कहा कि इससे यह समझ आता है कि हम आनुवंशिक रूप से भारत से जु़ड़े हैं। भारत हमारे लिए कोई नया देश नहीं है। यह हमारे देश के लोकाचार का हिस्सा है। हमारे जीवन का हिस्सा है। हमारे दिल का हिस्सा है। हम यहां आपका स्वागत करने, आपका सम्मान करने के लिए यहां आए हैं। हम बिना किसी झिझक के भारत के साथ जुड़ सकते हैं।
इस दौरान श्रीलंका में भारतीय राजदूत गोपाल बागले, श्रीलंका के पर्यटन और भूमि मंत्री हरिन फर्नांडो और श्रीलंका सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति थे।