गुजरात हाईकोर्ट शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा उनकी ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी मामले में दायर रिव्यू पिटीशन पर अपना फैसला सुनाएगा। पिछली बार अदालत ने इस मामले में राहुल गांधी को अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था और उनकी याचिका विचाराधीन सुरक्षित रख ली थी। यदि अदालत द्वारा राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी जाती है, तो उनकी अयोग्यता को फिर से पलट दिया जाएगा। अगर उनके निलंबन पर रोक नहीं लगाई गई तो राहुल गांधी के पास गुजरात उच्च न्यायालय की उच्च पीठ के समक्ष अपील करने का विकल्प होगा। वर्तमान में, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) संसद सदस्य के रूप में दो प्लस छह वर्षों के लिए निलंबित हैं।
23 मार्च को अदालत ने सुनाई थी सजा
23 मार्च को सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दोषी ठहराया था और उन्हें दो साल कैद की सजा सुनाई थी। अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद राहुल गांधी के वकील किरीट पानवाला ने सूरत के अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश आरपी मोगेरा में फैसले के खिलाफ अपील के लिए आवेदन किया।
क्या है मोदी सरनेम मामला?
राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए कथित टिप्पणी करते हुए कहा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे है?