Chandigarh News: अकाल तख्त के पूर्व कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने शुक्रवार को अकाल तख्त और तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदारों की बर्खास्तगी की कड़ी निंदा की. साथ ही इसे सिख समुदाय के लिए काला दिन बताया ज्ञानी हरप्रीत सिंह का समर्थन करते हुए कई नेताओं ने अकाल तख्त के जत्थेदार की बर्खास्तगी की आलोचना की.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने शुक्रवार को ज्ञानी रघबीर सिंह को अकाल तख्त के जत्थेदार के पद से हटा दिया और कहा कि बढ़ती चुनौतियों के मद्देनजर उनके नेतृत्व को पंथ (सिख समुदाय) का मार्गदर्शन करने में अपर्याप्त माना गया है. एसजीपीसी ने कुलदीप सिंह गडगज को अकाल तख्त का कार्यवाहक जत्थेदार नियुक्त किया है. उन्हें तख्त केसगढ़ साहिब का जत्थेदार भी नियुक्त किया गया है ज्ञानी रघबीर सिंह स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी का कार्यभार संभालते रहेंगे.
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा, ‘‘सिख समुदाय, पंथिक संस्थाओं और सभी के लिए आज का दिन काला दिन है’’ उन्होने कहा आज का दिन सिख कौम के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. भर्ती के लिए बनाई गई सात सदस्यीय कमेटी के सदस्यय कमेटी के सदस्य और विधानसभा में अकाली दल के ग्रुप लीडर मनप्रित अयाली और इकबाल सिंह झूंदा ने भी तख्तों के जत्थेदारों को हटाने के फसले की निंदा की है.
इस घटना का असर शिरोमणि अकाली दल के साथ पंजाब के राजनीती पर भी दिखेगा,दो दिसंबर को हुए राजनीति फैसले को यह पलटेगा,दो दिसंबर को पांच सिंह साहिब की ओर से श्री अकाल तख्त साहिब की फसील से सुखबीर बादल को तनखैया घोषित करके धार्मिक सजा लगाई गई थी.
पहले 18 साल पराने मामले में दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाया गया और अब क्षी अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के साथ केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्ता सिंह को हटा दिया गया है.कहीं ना कहीं यह बात साफ हो गई है कि नए जत्थेदारों की ओर से दो दिसंबर को अकाल तख्त साहिब की ओर से बनाई गई सात सदस्यीय कमेटी को निरस्त किया जाएगा जिसने 18 मार्च से अकाली दल की भर्ती की घोषणा की हुई है.