सम्मेलन को संबोधित करते हुए उदयभान ने कहा कि देश के गरीब श्रमिकों की आवाज को उठाने के लिए इंटेक का गठन किया गया था। कामगारों के लिए कांग्रेस ने मजबूत लेबर कानून बनाए थे और लेबर कोर्ट खोली गईं थीं। कांग्रेस सरकार ने 8 घंटे से ज्यादा काम करवाने पर मजदूर को ऑवर टाइम का दोगुना वेतन देने जैसे कानून लागू किए थे। साथ ही महिलाओं को काम की जगह पर शोषण से बचाने के लिए अलग कानून बनाए थे। लेकिन बीजेपी ने उनमें बदलाव करके पूंजीपतियों के लिए शोषण के रास्ते खोल दिए। श्रम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 कर दिए। पूंजीपतियों को अधिकार दे दिया कि वो जब चाहे किसी मजदूर को काम से बाहर कर सकते हैं।
उदयभान ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा ऐसी नीतियां अपनाई हैं जो गरीबों पर मार की तरह पड़ी हैं। नोटबंदी उसका एक उदाहरण है। बिना सिर-पैर के इस फैसले से 168 लोगों की मौत हो गई। लाखों छोटे उद्योगों पर ताले लग गए और 12 करोड़ लोगों का रोजगार छिन गया। नोटबंदी की सबसे ज्यादा मार गरीब श्रमिकों को ही झेलनी पड़ी थी।
उसके बाद कोरोना और लॉकडाउन का शिकार भी सबसे ज्यादा यहीं गरीब तबका हुआ। हमें याद है कि कैसे गरीब मजदूरों को सैंकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर जाना पड़ा था। कईयों की तो रास्ते में ही मौत हो गई थी। लेकिन उनकी हालत देखकर बीजेपी सरकार का दिल नहीं पसीजा था। प्रदेश की बीजेपी सरकार ने भी पीपीपी और प्रोपर्टी आईडी के जरिए इसी तबके को निशाना बनाया। इनमें 90-95 प्रतिशत तक गलतियां पाई गईं। फैमिली आईडी के जरिए साढ़े नौ लाख गरीबों का पीला राशन कार्ड और पौने पांच लाख बुजुर्गों की पेंशन काट दी गई।
उदयभान ने कहा कि गरीब श्रमिकों के बच्चों को स्कूली शिक्षा से वंचित करने के मकसद से इस सरकार ने लगभग 5 हजार स्कूलों को बंद कर दिया। बाकि स्कूलों की हालत ऐसी बना दी कि 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय तक नहीं। 138 स्कूलों में लड़कों के लिए भी शौचालय नहीं है। 326 में चारदीवारी और 266 में बिजली तक नहीं है। स्कूलों में 8246 कमरों की कमी है। फिर भी इस सरकार ने 10,676 करोड़ का बजट सरेंडर कर दिया। इसीलिए हाईकोर्ट ने सरकार पर 5 लाख का जुर्माना लगाना पड़ा।
बीजेपी ने ही कांग्रेस द्वारा शुरू की गई सौ-सौ गज के प्लाट बांटने की योजना को बंद किया था। क्योंकि ये सरकार गरीबों का भला देख ही नहीं सकती। लेकिन कांग्रेस सरकार बनने पर फिर से इस योजना को शुरू किया जाएगा। गरीब, श्रमिकों, एससी व ओबीसी परिवारों को 2 कमरे का मक्का मकान बनाकर दिया जाएगा। साथ ही श्रमिकों को जीवन बीमा का कवर दिया जाएगा। ताकि काम के दौरान हादसे का शिकार होने वाले पीड़ितों के परिवारों को उचित आर्थिक मदद मिल सके।