Citizenship Renunciation Data: पिछले साल 2.16 लाख लोगों के भारतीय नागरिकता छोड़ने को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की सरकार को घेरा है। गुरुवार (01 अगस्त) को केंद्र सरकार ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया था कि पिछले साल यानी 2023 में 2,16,219 भारतीयों ने अपनी नागरिकता त्याग दी है।
जिस पर अब सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस ने शनिवार (03 अगस्त) को कहा कि उच्च कौशल वाले और उच्च नेटवर्थ वाले भारतीयों का पलायन एक “आर्थिक उपहास” है, जो अगले कुछ वर्षों में देश के टैक्स राजस्व आधार को कम कर देगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। साथ ही कहा कि कारोबारी हस्तियां तेजी से सिंगापुर, यूएई, यूके और अन्य जगहों पर अपनी भारतीय नागरिकता त्यागने के लिए जा रही हैं।
कांग्रेस ने साधा निशाना
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा,” राज्यसभा में सरकार के खुद के दिए आंकड़ों के मुताबिक 2023 में 2.16 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है, जो 2011 में ऐसा करने वाले 123,000 लोगों की संख्या से लगभग दोगुना है।”
‘हमारी अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा’
जयराम नरेश ने आगे कहा,”नागरिकता छोड़ने वालों में से कई भारतीय अत्यधिक कुशल और शिक्षित हैं। घरेलू स्तर पर कुशल श्रम आपूर्ति की कमी के समय उनके देश छोड़ने से हमारी अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा। कई लोग आर्थिक रूप से भी संपन्न हैं – इस साल की शुरुआत में, एक अग्रणी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन एडवाइजरी फर्म ने खुलासा किया था कि पिछले तीन वर्षों में 17,000 से अधिक करोड़पति (कुल संपत्ति 1 मिलियन डॉलर से अधिक वाले व्यक्ति) ने भारत छोड़ दिया था।”
‘यह एक ऐसा आर्थिक उपहास है, जो…’
वहीं केंद्र सरकार को घेरते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “उच्च-कुशल और उच्च नेट वर्थ वाले भारतीयों का यह पलायन अपारदर्शी कर नीतियों और मनमाने कर प्रशासन का परिणाम हो सकता है, जो पिछले दशक में कॉर्पोरेट भारत के चारों ओर फैले भय और डर के माहौल से काफी अलग है। व्यावसायिक हस्तियां तेजी से सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो रही हैं। और कुछ हो या ना हो, यह एक ऐसा आर्थिक उपहास है, जो अगले कुछ वर्षों में हमारे कर राजस्व के आधार को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाएगा।”