पंचकूला : बहुचर्चित नेशनल हेराल्ड केस में अब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी शिकंजा कस दिया गया है। राज्य के सतर्कता ब्यूरो ने हुड्डा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आरोप है कि साल 2005 में नियमों के खिलाफ नेशनल हेराल्ड कंपनी एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) को 33600 स्क्वायर फीट का फ्लांट आवंटित किया गया था।
यह मामला शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की शिकायत पर दर्ज हुआ है। उस वक्त भूपेंद्र हुड्डा इसके चेयरमैन थे, इसलिए उन्हें भी आरोपी बनाया गया है। इसके साथ ही हुडा के मुख्य प्रशासक व प्रशासक सहित पांच के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दरअसल एजेएल को 30 अगस्त 1982 में जमीन आवंटित की गई थी। उस दौरान शर्त रखी गई थी कि जमीन पर छह महीने में निर्माण करवा लिया जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ, इसके बाद संपदा अधिकारी ने अक्टूबर 1992 को जमीन को वापस ले लिया। साथ ही 10 प्रतिशत राशि में कटौती करते हुए शेष रकम को लौटा दिया गया।
वहीं एजेएल ने संपदा अधिकारी के खिलाफ हरियाणा सरकार के खिलाफ अपील की। इस मामले में मोड़ तब आया जब तत्कालीन हुडा प्रमुख भूपेंद्र सिंह ने एजेएल को दोबारा जमीन आवंटित करने की संभावनाओं को तलाशने के लिए कहा। हालांकि तत्कालीन मुख्य प्रशासक ने स्पष्ट कर दिया कि जमीन को पुरानी दर पर आवंटित नहीं किया जा सकता है, बावजूद इसके हुड्डा ने 2005 में एजेएल को जमीन पुरानी दर पर ही आवंटित कर दी। इस मामले में सरकार को 68 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में दाखिल अर्जी में आरोप लगाया था कि सोनिया और राहुल ने कांग्रेस पार्टी से लोन देने के नाम पर नेशनल हेराल्ड की 2000 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली।
पहले नेशनल हेराल्ड की कंपनी एसोसिएट जनरल लिमिटेड (AJL) को कांग्रेस ने 26 फरवरी, 2011 को 90 करोड़ का लोन दे दिया। इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है। शेष हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास है।
इसके बाद 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर यंग इंडियन को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को एजेएल के 99 फीसदी शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया। यानी यंग इंडियन को मुफ्त में स्वामित्व मिल गया। स्वामी ने इस 90 करोड़ रुपये के प्रकरण में हवाला कारोबार का शक जताया है।