Shiva ji Mahraj News: महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि प्रतिवर्ष 3 अप्रैल को मनाई जाती है। वे मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे और अपने कुशल प्रशासन, युद्धनीति और स्वराज्य की स्थापना के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी पुण्यतिथि पर भारत, विशेषकर महाराष्ट्र में, श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार (2 अप्रैल) को नागपुर में ‘युगांधर शिवराय’ नामक पुस्तक का विमोचन किया।
इस अवसर पर उन्होंने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे लिए हनुमान पौराणिक युग के आदर्श हैं और शिवाजी महाराज आधुनिक युग के आदर्श हैं। उन्होंने अपने पराक्रम से पराजय की परंपरा को ध्वस्त किया। 17वीं शताब्दी में मराठा साम्राज्य की स्थापना करने वाले शिवाजी महाराज ऐसे आक्रमणों का मजबूत जवाब देने वाले पहले योद्धा थे।
भारत की लगातार पराजय के युग को बदल दिया: मोहन भागवत
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि विदेशी आक्रमणकारियों से लगातार परास्त होने का दौर शिवाजी महाराज के उदय के साथ ही समाप्त हो गया क्योंकि उन्होंने अपने पराक्रम से इन समस्याओं का समाधान किया। उन्होंने भारत की लगातार पराजय के युग को बदल दिया और आगे का रास्ता दिखाया।
भारत में हार का सिलसिला सिंकदर के हमले से शुरू हुआ
संघ प्रमुख ने इतिहास को याद करते हुए कहा कि भारत में हार का सिलसिला सिकंदर के हमले से शुरू हुआ और देश में इस्लाम फैलाने के नाम पर होने वाले हमलों तक जारी रहा। जब 17वीं शताब्दी शुरू हुआ तो शिवाजी इस समस्या का समाधान लेकर आए। इस जटिल समस्या का समाधान विजयनगर साम्राज्य और राजस्थान के राजा के पास भी नहीं था।
शिवाजी महाराज को ‘युगपुरुष’ कहा जाता है
मोहन भागवत ने कहा कि शिवाजी महाराज को ‘युगपुरुष’ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने देश में आक्रमणों के चक्र को रोका, जिनमें मुगल आक्रमण भी शामिल था। मुगल शासक औरंगजेब ने जब शिवाजी को कैद में रखा था उसका जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि वो वहां से सुरक्षित फरार होने के कारण ही उन्होंने सफलतापूर्वक उन क्षेत्रों पर फिर से कब्जा किया जो उन्होंने शांति समझौते में देने पर सहमति जताई थी।