Delhi Election 2025: दिल्ली के चुनावी अखाड़े के लिए बसपा नई नहीं है। दिल्ली के लोग एक वह दौर भी देख चुके हैं, जब बीएसपी (BSP) ने कांग्रेस और बीजेपी जैसी बड़ी पार्टियों के होश उड़ाने शुरू कर दिए थे। लेकिन, आज दिल्ली में मायावती की पार्टी अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है,इसलिए आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के एक बयान को अपने लिए संजीवनी में बदलने की कोशिशों में जुटी है।
मायावती ने केजरीवाल के उस बयान पर जोरदार हमला किया है, जिसमें उन्होंने यूपी और बिहार से दिल्ली आने वाले लोगों (पूर्वांचलियों) को ‘फर्जी’ बता दिया था। मायावती ने कहा,’ऐसे बयानों को रोकने के लिए चुनाव आयोग को सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है और राजनीतिक दलों को भी इससे बचना चाहिए।’
Delhi Election 2025: दलित और पूर्वांचली वोटरों का समीकरण बिठाने की कोशिश में बीएसपी
दिल्ली में लगभग 17% दलित वोटर हैं और 70 सीटों में से इनकी हर सीट पर उपस्थिति है। पार्टी इस बार इनमें से 69 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी का किसी के साथ गठबंधन नहीं है।
मायावती को मालूम है कि अब दिल्ली में पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार-झारखंड के वोटरों (पूर्वांचल के मतदाताओं) की तादाद लगभग एक-तिहाई या 30% से भी ज्यादा हो चुकी है, इसलिए वह इस बार दलितों और पूर्वांचली वोटरों पर फोकस करके अपनी पार्टी के पुराने दिन वापस लाने की कोशिश करना चाहती हैं।