लगभग एक माह से भी अधिक समय से मोहित शर्मा पुत्र कैलाश चंद शर्मा वाशी बाघोत के आत्महत्या के प्रकरण में चला आ रहा विवाद में माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने वीरवार को आदेश पारित कर दिया। बाघोत निवासी कैलाश चंद शर्मा द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में गुहार लगाई गई थी कि उनके पुत्र मोहित शर्मा की आत्महत्या के बाद से लगभग एक महीना 10 दिन से भी अधिक समय से उसका शव सिविल अस्पताल कनीना के शव ग्रह में रखा हुआ है उसके पुत्र का शव उनके हवाले करके शिकायत में पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा सहित वर्णित व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए जिस पर माननीय पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के नोटिस पर हरियाणा सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि शिकायतकर्ता स्वयं ही अपने पुत्र का शव नहीं ले रहा और विभिन्न पुलिस अधिकारियों के बार-बार शिकायतकर्ता से मिलने के बाद भी शिकायतकर्ता पुलिस के सामने गवाह व सबूत पेश नहीं कर रहा।जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने याचिका में अंतरिम निर्देश पारित किया कि याचीकर्ता को निर्देश दिया कि तीन दिन के अंदर अंदर अपने पुत्र का शव लेकर उसका अंतिम संस्कार करें तथा हरियाणा सरकार को भी निर्देश दिया कि शिकायतकर्ता के आरोपी की जांच आईपीएस स्तर के अधिकारी से करवाए ताकि शिकायतकर्ता को जांच को लेकर कोई शक ना रहे। याचिका को 20 मई तक के लिए स्थगित कर दिया। उल्लेखनीय है कि बाघोत निवासी कैलाश शर्मा के पुत्र मोहित शर्मा ने 13 दिसंबर 2024 को आत्महत्या कर ली थी कैलाश शर्मा ने उनके पुत्र की आत्महत्या के पीछे पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा सहित आठ लोगों पर उनके पुत्र को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था तथा प्रशासन से मांग की थी कि वह जब तक आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं करते हुए उनके पुत्र का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।