हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा से पूरे विश्व में पवित्र ग्रंथ गीता का प्रकाश फैल रहा है। इस पवित्र ग्रंथ गीता से पूरी मानव जाति को कर्म और ज्ञान का संदेश मिल रहा है। पूरी मानवता की समस्याओं का समाधान करने का मार्ग भी इस ग्रंथ में समाहित है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शनिवार को देर सायं गीता ज्ञान संस्थानम केंद्र में आयोजित दिव्य गीता सत्संग के चौथे दिन के कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने दीपशिखा प्रज्जवलित करके दिव्य गीता सत्संग के चौथे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह परम सौभाग्य है कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर पवित्र ग्रंथ गीता का उद्गम हुआ और यह ग्रंथ सर्व मानव जाति के लिए कर्म और ज्ञान का संदेश दे रहा है।
उन्होंने कहा कि इस पवित्र ग्रंथ गीता से पूरी मानवता को हर विकट परिस्थिति में सही मार्ग पर चलने का ज्ञान मिल रहा है। इस ग्रंथ में हर व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने का संदेश मिलता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गीता जयंती महोत्सव को बड़े स्तर पर मनाने का संकेत दिया था। इसके उपरांत कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को वर्ष 2016 से बड़े स्तर पर मनाया जा रहा है और इस पावन धरा से पूरी दुनिया को पवित्र ग्रंथ गीता को जानने का अवसर मिल रहा है। इस महोत्सव को विदेशों में मनाया जा रहा है। इस वर्ष सहयोग देश के रूप में तंजानिया और सहयोगी राज्य के रूप में ओडिशा भाग ले रहा है। इसके साथ ही हर जिले में भी गीता जयंती को लेकर 3 दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने गौ संरक्षण पर भी विशेष फोकस रखा है और गौ सम्मेलन के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसके साथ ही गौ सेवा आयोग का बजट 400 करोड़ रुपए करने का काम किया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की पावन धरा से पूरे विश्व को गीता का उपदेश दिया। यह उपदेश आज भी पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक है। इसलिए कुरुक्षेत्र का महत्व पूरे विश्व में है। इस पावन धरा पर हर वर्ष कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव और सभी संस्थाओं की ओर से गीता महोत्सव को परम्परागत और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। सांध्यकालीन महाआरती का हिस्सा