जिस तरह से महाराष्ट्र के चुनाव में और यूपी के उपचुनाव में विपक्ष को हार का मुंह देखना पड़ा, उसके बाद इंडिया गठबंधन में एक बार फिर से तकरार शुरू हो गई है। इंडिया गठबंधन की अगुवाई कौन करेगा इसको लेकर विपक्ष में रार शुरू हो गई है। यह सब ममता बनर्जी के उस बयान से शुरू हुआ जो उन्होंने हाल ही में दिया था।
ममता बनर्जी ने कहा कि वह इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। हालांकि ममता बनर्जी का सपा ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र में एक के बाद एक हार के बाद यह गठबंधन को मजबूत करने का काम करेगा। वहीं आरजेडी का कहना है कि इंडिया गठबंधन को बनाने के सूत्रधार लालू प्रसाद यादव हैं।
जिस तरह से ममता बनर्जी का नाम इंडिया गठबंधन के नेतृत्व के लिए आगे आया, सपा उनका समर्थन कर रही है तो सीपीआई ने कहा कि कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की जरूरत है और सहयोगी दलों की भूमिका बड़ी करने की बात कही। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने कहा कि इंडिया गठबंधन को ममता बनर्जी के सुझाव पर चर्चा करनी चाहिए, हम इसका 100 फीसदी समर्थन करते हैं और पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं। अगर ममता बनर्जी ने इच्छा जाहिर की है तो इंडिया गठबंधन के नेताओं को इसपर विचार करना चाहिए, उनका समर्थन करना चाहिए। यह गठबंधन को मजबूत करने का काम करेगा। ममता बनर्जी भाजपा को बंगाल में रोकने की अगुवाई की, हम उनके साथ हैं। हमारा ममता बनर्जी से पहले से ही भावुक नाता है।
हालांकि दिलचस्प बात यह है कि ममता बनर्जी को अपनी ही पार्टी के भीतर नेतृत्व को लेकर संकट से जूझना पड़ रहा है। पार्टी में युवा नेताओं और बुजुर्ग वरिष्ठ नेताओं के बीच दो फाड़ नजर आ रहे हैं। युवा नेता अभिषेक बनर्जी को ममता बनर्जी का उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं जबकि ममता बनर्जी का कहना है कि इसका फैसला पार्ट मिलकर करेगी। युवा और बुजुर्ग अनुभवी दोनों के बीच बेहतर समन्वय से ही पार्टी चलती है।