पंजाब में किसानों ने रेल रोको आंदोलन शुरू किया है। इसकी वजह से 14 जोड़ी विशेष ट्रेनें 24 सितंबर से 26 सितंबर तक निलंबित रहेंगी।
चंडीगढ़ : पंजाब में किसानों ने कृषि विधेयकों के खिलाफ आज से तीन दिवसीय ‘रेल रोको’ आंदोलन शुरू किया। इसके मद्देनजर किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए रेलवे ने कई ट्रेनों का परिचालन रोक दिया है।
रेल अधिकारियों ने बताया कि 14 जोड़ी विशेष ट्रेनें 24 सितंबर से 26 सितंबर तक निलंबित रहेंगी। उन्होंने बताया कि यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे संपत्ति को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
कई मालगाड़ी और पार्सल ट्रेनों का भी समय बदला गया है। मौजूदा समय में कोविड-19 महामारी की वजह से नियमित यात्री ट्रेनें पहले से ही निलंबित हैं। ‘रेल रोको’ आंदोलन का आह्वान किसान मजदूर संघर्ष समिति ने किया और बाद में अलग-अलग किसान संगठनों ने भी इसे अपना समर्थन दिया।
भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के कार्यकर्ता बरनाला और संगरूर में बृहस्पतिवार सुबह रेल पटरियों पर बैठ गए। किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने अमृतसर के देवीदासपुर और फिरोजपुर के बस्ती टांका वाला में रेल पटरियों पर बैठने का निर्णय लिया है।
समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें सरकारी कर्मचारियों और श्रमिकों समेत विभिन्न तबकों से समर्थन मिल रहा है। समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों, मंत्रियों, सांसदों और विधायकों से अपील की है कि वे किसानों के प्रदर्शन में हिस्सा न लें।
कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेताओं और उन लोगों का सामाजिक बहिष्कार करने का संकल्प लिया है, जिन्होंने इन विधेयकों के समर्थन में मतदान किया। कुल 31 किसान संगठनों ने कृषि विधेयकों के खिलाफ 25 सितंबर को पंजाब में पूर्ण बंद का आह्वान किया है।
पंजाब में किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि इन विधेयकों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म करने का रास्ता साफ हो जाएगा और वे बड़े पूंजीपतियों की ‘दया’ पर निर्भर हो जाएंगे।
संसद ने आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 तथा कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 को पारित कर दिया है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ये विधेयक कानून का रूप लेंगे।
ये ट्रेनें हुई प्रभावित
अधिकारियों ने बताया कि गोल्डेन टेम्पल मेल (अमृतसर-मुंबई सेंट्रल), जन शताब्दी एक्सप्रेस (हरिद्वार-अमृतसर), नयी दिल्ली-जम्मू तवी, कर्मभूमि (अमृतसर-न्यू जलपाईगुड़ी), सचखंड एक्सप्रेस (नांदेड़-अमृतसर) और शहीद एक्सप्रेस (अमृतसर-जयनगर) निलंबित ट्रेनों की सूची में शामिल हैं।
इस बीच, रेल अधिकारियों ने कहा कि नांदेड़-अमृतसर ट्रेन पुरानी दिल्ली में ही अपनी यात्रा समाप्त करेगी। वहीं, 25 और 26 सितंबर को 02716 संख्या वाली ट्रेन अमृतसर के बदले पुरानी दिल्ली से रवाना होगी।
धनबाद-फिरोजपुर कैंट ट्रेन फिरोजपुर कैंट नहीं जाएगी बल्कि वह अपनी यात्रा अम्बाला कैंट में ही समाप्त करेगी. वहीं, 03308 संख्या वाली ट्रेन 24 से 26 सितंबर के बीच फिरोजपुर कैंट के बदले अम्बाला कैंट से रवाना होगी।
वहीं 24 सितंबर को पहुंच रही मुंबई सेंट्रल-अमृतसर ट्रेन को लुधियाना लाया जाएगा और यह 25 से 26 सितंबर के बीच यह अपनी यात्रा अम्बाला में ही खत्म करेगी. ट्रेन संख्या 02904 अमृतसर के बदले 24 से 26 सितंबर के बीच अम्बाला से रवाना होगी।
दिल्ली में रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि कृषि विधेयकों को लेकर पंजाब में चल रहे ‘रेल रोको’ आंदोलन से खाद्यानों तथा अन्य आवश्यक सामग्रियों की ढुलाई के साथ-साथ विशेष ट्रेनों के जरिये यात्रियों की आवाजाही पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।