हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों, कर्मचारियों और छात्रों के साथ मानसिक उत्पीड़न के गंभीर मामले सामने आए हैं
हाल ही में एक होनहार महिला वैज्ञानिक डॉ. दिव्या फोगाट को मानसिक प्रताडऩा के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी इसकी जांच के लिए वैज्ञानिकों ने पुलिस और मुख्यमंत्री को पत्र लिखे लेकिन आज तक नहीं की गई कोई जांच
मुख्यमंत्री को इस पर स्वयं संज्ञान लेकर सभी मामलों की गंभीरता से निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए और जो दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए
चंडीगढ़, 3 दिसंबर। इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि बीजेपी सरकार ने हरियाणा में ज्यादातर यूनिवर्सिटीज में ऐसे वाइस चांसलर लगाए हुए हैं जो इस पद के योग्य ही नहीं हैं। उनकी सिर्फ एक ही योग्यता है कि वो आरएसएस के लोग हैं। ऐसे में इन्होंने सभी यूनिवर्सिटीज के हालत बद से बदतर कर दिए हैं।
हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय जो एशिया की नंबर वन यूनिवर्सिटी थी उसको भी नाकाबिल वाइस चांसलर ने बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। आज एचएयू में चारों तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है। पिछले काफी समय से हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों, कर्मचारियों और छात्रों के साथ मानसिक उत्पीड़न के गंभीर मामले सामने आए हैं। हाल ही में एक होनहार महिला वैज्ञानिक डॉ. दिव्या फोगाट को मानसिक प्रताडऩा के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी। डॉ. दिव्या फोगाट की मौत की जांच के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखे लेकिन आज तक कोई जांच नहीं की गई। वैज्ञानिकों ने पत्र द्वारा जानकारी दी है कि कैसे एक योजनाबद्ध तरीके से डॉ. दिव्या फोगाट का करियर खत्म करने के लिए उसका प्रमोशन रोक दिया गया, उसकी गोपनीय रिपोर्ट को जानबूझकर खराब किया गया, बार बार अनावश्यक कारण बताओ नोटिस दिए गए, उसके प्रोजेक्ट छिने गए और उसे विदेश में प्रशिक्षण लेने से भी वंचित किया गया। वैज्ञानिकों को छुट्टियों के लिए भी हाईकोर्ट जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस तरह से कई वैज्ञानिकों के करियर अब तक बर्बाद कर दिए गए हैं।
इसके अलावा हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को ठेके देकर और फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपयों का घोटाला किया जा रहा है। अगर कोई इसके खिलाफ आवाज उठाता है तो उसका ट्रांसफर दूरदराज क्षेत्रों में करके उसे प्रताड़ित किया जाता है। इसी तरह जब भी छात्र अपनी कोई जायज मांग उठाते हैं तो उन्हें झूठे मुकदमों में फंसा कर उनका करियर खराब कर दिया जाता है। एचएयू में पैसे लेकर नौकरियां बेची जा रही हैं। मुख्यमंत्री को इस पर स्वयं संज्ञान लेकर सभी मामलों की गंभीरता से निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए और जो दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।