Cyclone Fengal:तमिलनाडु में एक विनाशकारी चक्रवात ने कहर बरपाया है, जिससे बुनियादी ढांचे और कृषि को काफी नुकसान पहुंचा है। राज्य में तूफान ने तबाही मचाई है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।अधिकारी वर्तमान में नुकसान की सीमा का आकलन कर रहे हैं।
जबकि इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए राहत प्रयास जारी हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से राज्य में बाढ़ से संबंधित स्थिति के बारे में बात की।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के 2,000 से अधिक कर्मियों को प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रही है कि आवश्यक सेवाएँ जल्द से जल्द बहाल की जाएँ।
कृषि और बुनियादी ढांचे पर प्रभाव
चक्रवात ने लगभग 2.11 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है, जिससे क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा को लेकर चिंताएँ पैदा हो गई हैं। इसके अतिरिक्त, सड़कों और बिजली लाइनों जैसे बुनियादी ढाँचे को नुकसान पहुँचा है, जिससे बचाव के प्रयास जटिल हो गए हैं। राज्य सरकार पुनर्वास प्रक्रिया में सहायता के लिए इन महत्वपूर्ण सेवाओं की बहाली को प्राथमिकता दे रही है।
नीलगिरी समेत कई जिलों में छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर स्कूल बंद कर दिए गए हैं। अधिकारी मौसम की स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं और सुरक्षा आकलन के आधार पर स्कूलों को फिर से खोलने का फ़ैसला करेंगे।
दुखद क्षति और सरकारी प्रतिक्रिया
दुखद बात यह है कि चक्रवात से जुड़ी घटनाओं के कारण तीन लोगों की जान चली गई। एक जिले में दीवार गिरने से एक महिला और उसके दो बच्चों की मौत हो गई। यह परिवार एक संवेदनशील इलाके में रहता था, जब भारी बारिश और हवाओं के कारण दीवार ढह गई। मुख्यमंत्री ने जानमाल के नुकसान पर संवेदना व्यक्त की और मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रत्येक पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। उन्होंने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, “मैं इस कठिन समय में अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”