Indian Navy News: चीन और पाकिस्तान के खतरे के बीच भारतीय नौसेना ने राफेल मरीन फाइटर जेट से लेकर भारी संख्या में पनडुब्बियों का बेड़ा तैयार करने की घोषणा की है। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने सोमवार को कहा है, कि भारत जल्द ही 26 नौसैनिक राफेल जेट और तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की प्रस्तावित खरीद को अंतिम रूप देने के लिए तैयार है।
नौसेना दिवस (4 दिसंबर) से पहले मीडिया ब्रीफिंग में एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, कि राफेल-एम (नौसेना संस्करण मरीन जेट) और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद अगले महीने अंतिम रूप ले लेगी।
उन्होंने कहा, “राफेल मरीन पर बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है और इसे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति के पास ले जाने में बस एक स्तर की कमी है। चूंकि यह सरकार से सरकार के बीच का सौदा है, इसलिए इसमें ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए।”
फ्रांस से राफेल-मरीन खरीदेगा भारत
राफेल मरीन जेट को आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर से संचालन के लिए तैयार किया जाएगा। इस संस्करण के संशोधनों में एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेशन के लिए मजबूत अंडरकैरिज और मजबूत लैंडिंग गियर शामिल हैं।
उन्होंने कहा, कि दो एसएसएन (परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों) के लिए सरकार की मंजूरी से पता चलता है, कि सरकार को ऐसी नौकाओं के निर्माण के लिए भारत की स्वदेशी क्षमताओं पर भरोसा है। उन्होंने कहा, कि भारत की नौसैनिक शक्ति को बढ़ाने के प्रयासों के तहत, देश में वर्तमान में 62 जहाज और एक पनडुब्बी निर्माणाधीन हैं, और उन्होंने कहा कि अगले एक साल में बड़ी संख्या में प्लेटफॉर्म शामिल होने का इंतजार कर रहे हैं। एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, “हमने नौसेना में विशिष्ट टेक्नोलॉजी को शामिल करने की कोशिशों को दोगुना कर दिया है।” पिछले साल जुलाई में रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस से राफेल-एम जेट विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी, जिसका मुख्य उद्देश्य स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनाती करना था। वहीं, पाकिस्तान की तरफ से अपनी समुद्री ताकत बढ़ाने के प्रयासों के बारे में बोलते हुए एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय नौसेना पड़ोसी देशों से किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार है।
फ्रांस ने भारत को दिया है राफेल-एम के लिए बेस्ट ऑफर
भारतीय नौसेना ने अपने एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर फ्रांसीसी राफेल फाइटर जेट को तैनात करने की योजना बना रखी और कुल 26 26 राफेल मरीन जेट विमानों को खरीदने की योजना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद फ्रांस ने राफेल-एम बेचने के लिए भारत के लिए दाम काफी कम कर दिए हैं। डसॉल्ट एविएशन के ये जेट विमान मिग-29 लड़ाकू विमानों की जगह लेंगे। यह सौदा भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी समुद्री हमले की क्षमताओं को बढ़ाना चाहती है। सौदे पर बातचीत करने और कीमत को अंतिम रूप देने के लिए हाल ही में फ्रांस की एक टीम भारत आई थी। फ्रांस से “सबसे अच्छी और अंतिम कीमत” राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता के लिए देश की यात्रा के बाद आई है। समाचार एजेंसी एएनआई ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि कई दौर की बातचीत के बाद अंतिम कीमत भारतीय अधिकारियों को सौंप दी गई है। सौदे को लेकर चर्चा एक साल से अधिक समय से चल रही है क्योंकि भारत की रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने जुलाई 2023 में खरीद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। अंतर-सरकारी समझौते (आईजीए) के अनुसार, 26 राफेल “भारतीय नौसेना के लिए संबंधित सहायक उपकरण, हथियार, सिम्युलेटर, पुर्जे, दस्तावेज, चालक दल के प्रशिक्षण और रसद सहायता के साथ आएंगे।” हालांकि, इसकी आखिरी कीमत क्या तय की गई है, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन राफेल मरीन सौदे के साथ भारतीय नौसेना अपनी शक्ति का विस्तार करेगी।