हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएम) की आड़ में हरियाणा सरकार न सिर्फ सरकारी नौकरियों को समाप्त कर रही है बल्कि एससी-बीसी आरक्षण को भी खत्म कर रही है। एचकेआरएम में एससी-बीसी आरक्षण के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है जो इस समाज के युवाओं के साथ अन्याय है। यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने आज जारी एक बयान में कही।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड को 13 अक्टूबर, 2021 को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत शामिल किया गया है। इसकी स्थापना हरियाणा में सभी सरकारी संस्थाओं को पारदर्शी, मजबूत और न्यायसंगत तरीके से संविदात्मक जनशक्ति प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है। दावा किया गया था कि यह हरियाणा में संविदात्मक जनशक्ति प्रदान करने के लिए अधिकृत एजेंसी के रूप में कार्य करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। न तो यह निगम पारदर्शी तरीके से काम कर रहा है और न ही संविधान के हिसाब से। संविधान में एससी-बीसी वर्ग को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया हुआ है, मगर एचकेआरएम की भर्तियों में आरक्षण का प्रावधान नहीं रखा गया है। ऐसा करके हरियाणा की भाजपा सरकार एससी-बीसी के आरक्षण को खत्म करने की एक सोची-समझी नीति पर काम रही है जिसे कभी भी सफल नहीं होने दिया जाएगा।
सिरसा सांसद ने कहा कि भाजपा सरकार संविधान और रोजगार को खत्म करने पर तुली है। प्रदेश में दो लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं। वहीं, भाजपा सरकार खुद ठेकेदार बनकर कौशल रोजगार निगम में बिना रिजर्वेशन, बिना मेरिट, बिना पेंशन और मामूली तनख्वाह पर युवाओं की भर्ती कर रही है। इन भर्तियों में भाजपा ने दलित और पिछड़े वर्ग के आरक्षण पर डाका डालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में युवाओं को पक्की सरकारी नौकरियां दी जाती थी। सभी विभागों में खाली पदों को भरा गया था, मगर प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है, सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर कोई भर्ती नहीं की गई है। युवाओं को रोजगार के नाम पर ठेके पर रखा जा रहा है। इसलिए एचकेआरएम का गठन किया है ताकि मामूली से वेतन पर युवाओं को नौकरी पर रखा जा सके। सरकार की मंशा है कि ऐसा करने से रिक्त पड़े पदों पर भर्ती नहीं करनी पड़ेगी। लेकिन कांग्रेस पार्टी सरकार की इस मंशा को पूरा नहीं होने देगी। कांग्रेस की मांग है कि सरकार को एचकेआरएम की बजाय सीधे रिक्त पदों पर भर्ती करनी चाहिए। एचकेआरएम के माध्यम से भी यदि भर्ती की जाती है तो उसमें एससी-बीसी आरक्षण दिया जाए तथा अब तक की भर्तियों में जो बैकलॉग है, उसे तुरंत भरा जाए।