प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे खड़ी एक महिला सुरक्षाकर्मी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस तस्वीर को भाजपा सांसद और एक्ट्रर कंगना रनौत ने भी अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर किया था। साथ ही, तस्वीर शेयर करते हुए कंगना ने महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण बताया है।
पीएम मोदी के साथ खड़ी महिला सुरक्षाकर्मी की तस्वीर को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) में महिलाओं की मौजूदगी कोई नई बात नहीं है। महिला कमांडो शुरू से ही प्रधानमंत्री की सुरक्षा का हिस्सा रही हैं। शुरुआत में महिला कमांडो को मुख्य रूप से एडवांस्ड डिप्लॉयमेंट के लिए होती था।
हालांकि, सुरक्षा सूत्रों ने पुष्टि की है कि महिला एसपीजी का हिस्सा नहीं है। वह वास्तव में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) हैं और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में सहायक कमांडेंट के पद पर हैं। आपको बता दें कि 2015 के बाद से महिला कमांडो को क्लोज प्रोटेक्शन टीम (CPT) को शामिल किया जाने लगा। इससे पहले इन सुरक्षाकर्मियों को सिर्फ एडवांस डिप्लॉयमेंट के लिए इस्तेमाल किया जाता था, जो पीएम से मिलने वाली महिला गेस्ट की फ्रिस्किंग के लिए तैनत की जाती थीं। बता दें, प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों की सुरक्षा के उद्देश्य से 1985 में एसपीजी की स्थापना की गई थी।
अपने कठोर प्रशिक्षण और अनुशासन के लिए जानी जाने वाली एसपीजी दुनिया भर में सबसे भरोसेमंद सुरक्षा एजेंसियों में से एक है। उच्च सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के लिए एजेंसी अपने अधिकारियों के कौशल को लगातार उन्नत करती रहती है। प्रधानमंत्री जब विदेश यात्रा पर जाते हैं तो उनके साथ महिला एसपीजी कमांडो भी होती हैं।
वे एडवांस्ड सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) के माध्यम से सुरक्षा तैयारियों में सहायता करती हैं। वर्तमान में एसपीजी में करीब 100 महिला कमांडो हैं जो एडवांस डिप्लॉयमेंट और क्लोज प्रोटेक्शन जैसे विभिन्न सुरक्षा उपायों में शामिल हैं। वायरल तस्वीर संसद के अंदर ली गई थी, जहां एडवांस्ड डिप्लॉयमेंट प्रोटोकॉल के तहत महिला सुरक्षाकर्मी पहले से ही तैनात हैं।