Rambhadracharya News: इस्कॉन के पूर्व प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बवाल जारी है। यहां हिंदू अल्पसंख्यक और उनके मंदिर एक बार से निशाने पर हैं। बांग्लादेश में उठे विवाद पर अब जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य की प्रतिक्रिया सामने आई है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और कारावास पर जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। हमारी सरकार उन्हें समझा रही है, हम भी उन्हें समझा रहे हैं। अगर वो नहीं मानें तो फिर उन्हें अपने तरीके से समझाएंगे। रामलला यात्रा पर बोले कि रामलला बस सारे हिंदुओं को एक कीजिए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिरों पर बैन की मांग उठाई जा रही है। छात्र आंदोलन के दौरान सक्रिय रहा संगठन भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन ने चेतावनी दी कि वो इस्कॉन को बांग्लादेश के अंदर भारत के एजेंडे को लागू करने का अनुमति नहीं देंगे। चटगांव में एक कार्यक्रम में छात्र नेता हसनत अब्दुल्ला ने इस्कॉन पर अवामी लीग के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश समावेशिता को अपनाता है और कट्टरवाद को खारिज करता है। अब्दुल्ला ने चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा में सरकारी वकील सैफुल्लाह इस्लाम अलिफ की मौत के लिए भी इस्कॉन को दोषी ठहराया।
इस बीच, जातीय नागरिक समिति की सरगिस आलम ने शेख हसीना से जुड़े एजेंटों द्वारा इस्कॉन के माध्यम से अशांति फैलाने के बारे में चिंता व्यक्त की। बता दें कि चिन्मय कृष्ण दास को अल्पसंख्यक हिंदुओं के अधिकारों की वकालत करने के बाद सोमवार को ढाका हवाई अड्डे पर गिरफ़्तार कर लिया गया।
उनकी गिरफ़्तारी से बांग्लादेशी हिंदुओं में व्यापक रोष फैल गया है और विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत ने मंगलवार को एक बयान जारी किया था और दास की गिरफ़्तारी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। भारत ने दास की गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमलों पर चिंता जताई।