Siddhi Kumari Rajasthan Richest MLA: राजस्थान के राजघराने इन दिनों सुर्खियों में हैं। मेवाड़ राजघराने के विश्वराज सिंह मेवाड़ के सिटी पैलेस उदयपुर में प्रवेश करने को लेकर शुरू हुआ विवाद खत्म भी नहीं हुआ कि बीकानेर का राजघराना चर्चा में आ गया है। बीकानेर की राजघराने से दो केस दर्ज करवाए गए हैं। एक में आरोपी राजस्थान की सबसे अमीर विधायक सिद्धि कुमारी हैं।
मीडिया की खबरों के अनुसार बीकानेर पूर्व से भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी और उनकी बहन के खिलाफ बीकानेर के जिले बीछवाल पुलिस थाने धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। रिपोर्ट होटल लक्ष्मी निवास पैलेस को लीज पर लेकर संचालित करने वाले मैसर्स गोल्डन ट्राई एंगल फोर्ट्स एंड पैलेस प्राइवेट लिमिटेड की ओर से राजीव मिश्रा ने दर्ज कराई है।
राजीव मिश्रा ने आरोप लगाया है कि सिद्धि कुमारी और महिमा कुमारी ने दबाव बनाकर और पैलेस से बेदखल करने का डर दिखाकर 2 फरवरी 2011 तक चेक से कुल चार करोड़ रुपए वसूल किए। इनमें एक करोड़ रुपए महाराजा गंगासिंह ट्रस्ट के लिए दिए गए। बाद में लीज आगे नहीं बढ़ाने पर राशि वापस मांगने पर देने से इनकार कर दिया।
सिद्धि कुमारी और महिमा कुमारी के खिलाफ दर्ज करवाई रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि लक्ष्मी निवास पैलेस को 24 मई 1999 को रजिटर्ड लीज डीड से 19 साल के लिए कपनी को होटल संचालित करने के लिए दिया गया था। दिवंगत होने से पहले नरेन्द्र सिंह ने 15 जून 1999 को 19 वर्ष के लिए की गई लीज को 19-19-19 वर्ष के तीन रिन्यूवल का अनुबंध कपनी के साथ किया। अब उससे पैलेस से बेदखल करने का डर दिखाकर रुपए वसूल लिए गए।
सिद्धि कुमारी की संपत्ति
बीकानेर जिले की बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज करने वालीं भाजपा की सिद्धि कुमारी राजस्थान की सबसे अमीर विधायक हैं। इनकी कुल संपत्ति 102 करोड़ से अधिक है। सिद्धि कुमारी अभी अविवाहित हैं। एक इंटरव्यू में सिद्धि कुमारी ने कहा भी था कि वे अब शादी नहीं करेंगी और अपना शेष जीवन बीकानेर की जनता की सेवा में लगाएंगीं।
सिद्धि कुमारी की बुआ राज्यश्री पर भी एफआईआर
दूसरा मामला, बीकानेर पूर्व की सिद्धि कुमारी की अगुवाई वाले एक ट्रस्ट के सदस्य की ओर से दर्ज करवाया गया है, जिसमें आरोप सिद्धि कुमारी की बुआ राज्यश्री पर हैं। स्वयं को ट्रस्ट सदस्य बताते हुए संजय शर्मा ने मामला दर्ज करवाया है कि ट्रस्टी व प्रतिनिधि राजश्री कुमारी, मधुलिका कुमारी, राजेश पुरोहित, पुखराज, गोविन्द सिंह, हनुवंत सिंह ने सहायक आयुक्त के आदेश के विपरीत जाकर असल रिकार्ड खुर्द बुर्द कर दिया। वहां से कहीं लेकर चले गए। सिद्धि कुमारी स्वयं ये रिकार्ड लेने गई थी लेकिन नहीं दिया गया।