Punjab News: शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है. उन्होंने पार्टी की मौजूदा नीतियों और कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. अनिल जोशी 2021 में बीजेपी छोड़कर अकाली दल में शामिल हुए थे. उन्होंने अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भुंदड़ को अपना इस्तीफा भेजा है. अनिल जोशी ने अपने इस्तीफे में लिखा कि पार्टी में जो असली मुद्दे हैं, उनकी बात नहीं हो रही बल्कि धर्म और पंथक एजेंडे में उलझकर रह गई है.
अनिल जोशी ने अपने इस्तीफे मे लिखा कि पार्टी ने असली मुद्दों को उठाना बंद कर दिया है. ऐसा लगता है मानों पार्टी केवल सांप्रदायिक राजनीति और धर्म आधारित एजेंडे तक सिमटकर रह गई है. उन्होंने लिखा, “मैं इस सांप्रदायिक राजनीति में अपने लिए कोई जगह नहीं देखता हूं.” उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे हमेशा धर्मनिरपेक्षता और पंजाब के व्यापक विकास के समर्थक रहे हैं. अकाली दल की मौजूदा दिशा उनके मूल विचारों के अनुरूप नहीं है, जिसकी वजह से उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया है.
सुखबीर सिंह बादल की कार्यशैली पर उठाए सवाल
उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की कार्यशैली पर भी अप्रत्यक्ष रूप से सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद पार्टी की स्थिति ज्यादा खराब हो गई है. सुखबीर सिंह बादल को भी अब इस्तीफा दे देना चाहिए.
बीजेपी के खिलाफ खोला था मोर्चा
अनिल जोशी के राजनीतिक सफर की अगर बात करें तो वे अमृतसर उत्तरी विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं. बीजेपी में रहते हुए वे लोकल बॉडी मिनिस्टर भी रहे. बीजेपी नेता के तौर पर ही उन्होंने अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. पार्टी में उनकी मजबूत नेता के तौर पर पहचान रही. लेकिन, कृषि कानूनों के समय उन्होंने बीजेपी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया और 2021 में अकाली दल में शामिल हो गए थे.