टोंक। देवली-उनियारा विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा सहित पीड़ित ग्रामीणों के समर्थन में अब भारत आदिवासी पार्टी भी उतर गई है। भारत आदिवासी पार्टी के 3 विधायकों समरावता गांव पहुंचकर ग्रामीणों का दुख दर्द जाना। साथ ही राजस्थान सरकार से 50 करोड़ मुआवजे की मांग कर डाली। साथ ही घटना स्थल पर मौजूद सभी अधिकारियों-कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर न्यायिक जांच की मांग की है।
नगरफोर्ट थाना क्षेत्र समरावता में 13 नवम्बर को मतदान के दौरान हुई हिंसा को लेकर सोमवार देर रात भारत आदिवासी पार्टी के तीन विधायक थावरचंद डामोर, जयकृष्ण पटेल, कमलेश्वर डोडियार व राष्ट्रीय सदस्य कांति भाई रोत, जितेंद्र मीणा और हंसराज धांध्या समरावता गांव पहुंचे। इस दौरान समरावता में रात्रि चौपाल का आयोजन किया। तीनों विधायकों ने गांव वालों से नरेश मीणा द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने और घटना की जानकारी ली। तीनों विधायकों ने कहा कि भारत आदिवासी पार्टी के लोग फैक्ट रिपोर्ट तैयार करके मानवाधिकार आयोग एवं अनुसूचित जनजाति आयोग को भेजेंगे और विधानसभा व संसद में समरावता के लोगों की आवाज बुलंद करेंगे।
आरोप-पुलिस ने महिलाओं पर बरसाई लाठियां
समरावता की महिलाओं ने कहा कि पुलिस ने बिना महिला पुलिस के गांव की महिलाओं पर लाठियां बरसाई है, जिसमें कई महिलाओं के चोटें लगी है। इस दौरान विधायकों ने लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि पूरे घटनाक्रम की जांच करवाई जाएगी। जांच के बाद दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।