हरियाणा की सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि राज्य के हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने अपने स्वर्गीय दादा चौ. बंसी लाल के सपने को उस पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई, जिन्होंने पूरे हरियाणा में जलमार्गों की चैनेलाइजिंग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने शनिवार को सूक्ष्म सिंचाई कमान क्षेत्र और हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की ।मंत्री ने अधिकारियों को ड्रिप सिंचाई और अन्य जल संरक्षण पहलों सहित सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने जलभराव की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग तथा लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के बीच सहयोग के महत्व पर भी प्रकाश डाला।उन्होंने आगे निर्देश दिया कि प्रदेशभर में जल पृथक्करण का आकलन करने के लिए एक सप्ताह के भीतर एक व्यापक सर्वेक्षण किया जाए। सर्वेक्षण यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित होगा कि औद्योगिक अपशिष्ट जल और सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) और सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्रों (सीईटीपी) से उपचारित जल स्वच्छ जल स्रोतों के साथ मिश्रित न हो। बैठक के दौरान अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि मिकाडा वर्तमान में राज्य भर में 27 सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को बढ़ावा दे रहा है। इनमें से 11 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि 13 पर काम चल रहा है और 3 नई परियोजनाओं पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार की ‘प्रति बूंद-अधिक फसल’ योजना के अंतर्गत, मिकाडा को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से सब्सिडी भी मिल रही है।अटल भूजल योजना’ के तहत, मिकाडा 2021 से 23,800 एकड़ क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों से कवर करने के लिए भी काम कर रहा है। अगले वर्ष, प्राधिकरण ने खेत पर तालाबों के माध्यम से इस कवरेज को 46,258 हेक्टेयर तक विस्तारित करने की योजना बनाई है। ये तालाब ड्रिप सिस्टम के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराएंगे, जिसकी कुल परियोजना लागत 518.97 करोड़ रुपये है। अब तक पूरे हरियाणा में 4,368 ऑन-फार्म तालाब बनाए जा चुके हैं।उन्होंने जल संसाधनों की निगरानी में बेलदारों और नहर रक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये पद विभाग के संचालन के लिए महत्वपूर्ण हैं, साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि रिक्त बेलदार पदों को शीघ्र भरा जाए।बेलदार व कैनाल गार्ड को कमांड एरिया की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस सिस्टम दिया जाना चाहिए। मंत्री ने नई जल भंडारण परियोजनाओं की पहचान करने का आह्वान किया तथा हरियाणा भूजल विनियामक प्राधिकरण से इस संबंध में अग्रणी भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने नहर जल उपलब्धता की समीक्षा करने तथा चल रहे जल प्रबंधन प्रयासों पर फीडबैक प्राप्त करने के लिए सभी अधीक्षण अभियंताओं (एसई) और कार्यकारी अभियंताओं (एक्सईएन) के साथ साप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने कमांड क्षेत्र प्रणाली के निरीक्षण के लिए शीघ्र ही हथिनी कुंड बैराज तथा पानीपत में एसटीपी और सीईटीपी का शीघ्र ही औचक निरीक्षण करेंगे।