Wayanad By-Election: केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर आगामी उपचुनाव के मद्देनजर फ्लाइंग स्क्वॉड ने प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की तस्वीरों वाली कई फूड किट जब्त की हैं। ये किट एक मिल में पाई गईं, जो एक कांग्रेस नेता के घर के पास स्थित है और कथित तौर पर उन्हीं की बताई जा रही है। इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है, यह दावा करते हुए कि इन किटों का उपयोग मतदाताओं को प्रभावित करने के उद्देश्य से किया जा सकता है। इस मामले की जांच जारी है, और चुनाव आयोग स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
कांग्रेस ने सफाई में कही ये बात
इस मामले पर केरल कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा है कि ये फूड किट वायनाड में लैंडस्लाइड से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए तैयार की गई थीं। कांग्रेस का दावा है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद इन किटों का वितरण रोक दिया गया था और इन्हें मिल में अलग से रखा गया था। कांग्रेस का कहना है कि इन किटों का चुनाव से कोई संबंध नहीं है और वे पूरी तरह से राहत कार्यों के उद्देश्य से तैयार की गई थीं।
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बीजेपी ने बोला हमला, बताया- चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन
केरल में चुनाव आयोग की टीम द्वारा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तस्वीरों वाली फूड किट जब्त किए जाने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी नेताओं ने इसे चुनाव आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन करार दिया है और आरोप लगाया है कि कांग्रेस इन किटों के माध्यम से वायनाड उपचुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। बीजेपी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाए ताकि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष बनी रहे। वहीं, कांग्रेस का दावा है कि ये किट लैंडस्लाइड पीड़ितों के लिए तैयार की गई थीं और चुनावी उद्देश्य के लिए उनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था।
फूड किट पर राहुल-प्रियंका-सिद्धारमैया के फोटो
फूड किट पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, और कर्नाटक के मंत्रियों दिनेश गुंडूराव व बिरथी सुरेश की तस्वीरें भी लगी हुई थीं, जिससे यह संदेह उत्पन्न हुआ है कि इनका उपयोग चुनावी लाभ के लिए किया जा सकता था।
चुनाव आयोग कर रहा है जांच
चुनाव अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या ये किट, जो लैंडस्लाइड से प्रभावित मेप्पाडी, मुंडाकाई और चूरलामाला क्षेत्रों के पीड़ितों के लिए चिह्नित थीं, उन्हें उनके मूल उद्देश्य के विपरीत चुनावी लाभ के लिए वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में भेजा गया था। चुनाव आयोग इस मामले में सभी पहलुओं को देख रहा है ताकि आचार संहिता का उल्लंघन न हो।