Chhattisgarh CM Vishnudev Sai: भाजपा के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। शुक्रवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंकवाद और अलगाववाद का काला दौर लाना चाहती है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में धारा 370 और 35A को फिर से लागू करने की नेशनल कांफ्रेंस के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया।
विष्णुदेव साय ने कहा कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के इस कदम से यह साबित हो रहा है कि वे देश को तोड़ने के कुचक्र को फिर से चलाना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रस्ताव पाकिस्तान और देश विरोधी ताकतों को खुश करने के लिए लाया गया है और इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की जनता को गुमराह करना है।
कांग्रेस-एनसी-पीडीपी की गठजोड़ से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फिर से लौट सकता है
मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने कहा कि जो लोग आज जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास के पक्ष में खड़े हैं, उन्हें मार्शल के जरिए विधानसभा से बाहर निकाला जा रहा है। कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी, ये सभी जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद का काला दौर वापस लाना चाहते हैं।
धारा 370 का हटना जम्मू-कश्मीर के लिए विकास का मार्ग साबित हुआ
विष्णु देव साय ने याद दिलाया कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और 35A हटने के बाद से आतंकवाद की घटनाओं में 70 प्रतिशत कमी आई है, जबकि नागरिकों की मृत्यु में लगभग 80 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके अलावा, विदेशी नागरिकों के पर्यटन में 300 प्रतिशत का उछाल आया है और जम्मू-कश्मीर का बजट 17 प्रतिशत बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित हुई है और वहां की जनता अब भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का समर्थन कर रही है। जी-20 की बैठक जम्मू-कश्मीर में सफलतापूर्वक आयोजित हुई और राज्य को 80 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मिला। पिछले 4 सालों में जम्मू-कश्मीर में निवेश तीन गुना बढ़ा है।
कांग्रेस के इरादे साफ नहीं हैं
विष्णु देव साय ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह फिर से 90 के दशक जैसा माहौल जम्मू-कश्मीर में बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को यह बताना होगा कि वे जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने की बात क्यों कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पारित प्रस्ताव में धारा 370 और 35A का जिक्र भले ही नहीं किया गया हो, लेकिन उसकी मांग वही है जो इन धाराओं के समर्थन में की जाती रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस इस प्रस्ताव का मौन समर्थन कर रहे हैं, जबकि भाजपा इसके खिलाफ खड़ी है।
विधानसभा में असंवैधानिक कार्यवाही का आरोप
मुख्यमंत्री ने विधानसभा की कार्यवाही पर भी सवाल उठाया और कहा कि स्पीकर को निष्पक्ष होना चाहिए था। उन्होंने दावा किया कि यह प्रस्ताव बिना किसी बहस के ध्वनिमत से पारित किया गया, जो असंवैधानिक है। साय ने कहा कि मीडिया से आई जानकारी में पता चला है कि स्पीकर ने स्वयं ही मंगलवार (5 नवंबर) को मंत्रियों की बैठक बुलाई थी और खुद ही प्रस्ताव तैयार किया। ये सरासर असंवैधानिक है। ये प्रस्ताव लाना पहले से सदन की कार्यवाही में लिस्टेड भी नहीं था। जब विधानसभा में LG के अभिभाषण पर चर्चा होनी थी तो प्रस्ताव कैसे लाया गया?
धारा 370 और 35A का अब कोई विकल्प नहीं: विष्णुदेव साय
विष्णु देव साय ने स्पष्ट किया कि धारा 370 और 35A अब इतिहास बन चुके हैं और इन्हें फिर से लागू करने का कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की विधानसभा संसद या सुप्रीम कोर्ट से ऊपर नहीं है, और इन धाराओं को वापस लाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग पहले धारा 370 और 35A के समर्थन में थे, वे अब शांति और विकास से परेशान हैं और गरीबों को फिर से संघर्ष की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं।
पाकिस्तान का नाम लेने से बचते हैं उमर अब्दुल्ला
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यह भी आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों के बाद, जब पाकिस्तान का हाथ सामने आया, तब भी जम्मू-कश्मीर के नेता उमर अब्दुल्ला पाकिस्तान का नाम लेने से बचते हैं, जो कि देश के प्रति उनके नकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
कांग्रेस को देना होगा जवाब
विष्णुदेव साय ने कांग्रेस से सवाल किया कि वह अपने इरादों पर स्पष्ट जवाब दे और बताये कि वह जम्मू-कश्मीर में क्या करने की योजना बना रही है।