Dhirendra Krishna Shastri Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सोमवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की।
माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई है। इसके अलावा उन्होंने डिप्टी सीएम विजय शर्मा जी के निवास पर पहुंचकर भी कुछ समय बिताया। इसके अलावा उन्होंने मीडिया के समक्ष महाकुंभ में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध, धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी।
प्रयागराज महाकुंभ में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन
प्रयागराज महाकुंभ में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मुसलमानों की दुकानों और गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि जब गैर हिंदुओं का राम से कोई संबंध नहीं है, तो उन्हें राम के कार्यों से भी कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए। इसलिए महाकुंभ में उनके प्रवेश को वर्जित कर देना चाहिए।
महंत शास्त्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि केवल उन्हीं व्यक्तियों को इस महाकुंभ में कार्य करने का अवसर दिया जाना चाहिए, जिन्हें सनातन संस्कृति, हिंदू धर्म, देवी-देवताओं, और पूजन पद्धति का ज्ञान हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर कोई ऐसा व्यक्ति इस कार्य में शामिल होगा, जिसे इन बातों का ज्ञान नहीं है, तो वह निश्चित रूप से नकारात्मक परिणाम उत्पन्न करेगा।
पिछले विवादों का जिक्र
बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अब जिन्हें इस बारे में पता ही नहीं है, वो अगर विक्रय करेंगे तो निश्चित रूप से नाश ही करेंगे। उल्टा ही करेंगे। पहले भी कुछ घटनाएं हुई हैं, जैसे थूक कांड, फलों पर गंदगी चिपकाना, और एक बार पेशाब की घटना। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे यह स्पष्ट होता है कि कुछ षड्यंत्रकारी तत्व हैं जो इस परिदृश्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
धर्मांतरण को बताया नक्सलवाद से भी बड़ा खतरा
रविवार को छत्तीसगढ़ के कांकेर में बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने धर्मांतरण को नक्सलवाद से भी बड़ा खतरा बताया था। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद केवल व्यक्ति विशेष को निशाना बनाता है, जबकि धर्मांतरण पूरे समाज को प्रभावित कर रहा है, जिसे रोकना अत्यंत आवश्यक है।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने देश भर में पद यात्रा करने की योजना भी बनाई है ताकि धर्मांतरण को रोका जा सके। इसके अलावा, उन्होंने छत्तीसगढ़ के बस्तर और जशपुर में जल्द कथावाचन करने का ऐलान किया।
आदिवासियों को किया जा रहा टारगेट
शास्त्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कई ऐसे इलाके हैं जहां पहुंचना मुश्किल है। ऐसे स्थानों पर भोले-भाले आदिवासियों को लालच देकर धर्मांतरण कराया गया है। उन्होंने हिंदू समाज में एकजुटता की कमी पर भी चिंता व्यक्त की।
गुरुकुल शिक्षा पद्धति पर जोर
धीरेंद्र शास्त्री ने मिशनरियों के स्कूलों में बच्चों को भेजने के बजाय गुरुकुल शिक्षा पद्धति को अपनाने की बात की। उन्होंने कहा कि अन्य समाजों में भले ही जातियां हों, लेकिन जब मौका आता है, तो वे एकजुट हो जाते हैं, जो हिंदुओं में कमी है।