पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय चौ. दलबीर सिंह की 37वीं पुण्यतिथि पर उनकी स्मृति में हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया। इस दौरान सांसद, विधायक, पूर्व विधायक व सैकडों कांग्रेस पदाधिकारियों सहित काफी संख्या में गणमान्य लोगों ने स्व. चौ. दलबीर सिंह के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित करके उनके द्वारा किए गए जनकल्याण के कार्यों को याद किया।
इस दौरान अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने अपने पिता स्व. चौ. दलबीर सिंह की पुण्यतिथि पर हवन-यज्ञ में हिस्सा लेकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान कुमारी सैलजा ने अपने पिता चौ. दलबीर सिंह की रचनात्मक सोच की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीब, मजदूर, शोषित व वंचित लोगों की भलाई के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में उनके आदर्शों को अपनाने की जरूरत है। डाबड़ा चौक स्थित कुमारी सैलजा के आवास पर आयोजित हवन-यज्ञ में परमवीर विधायक, बलवान सिंह दौलतपुरिया विधायक, शीश पाल विधायक, चरणजीत सिंह रोड़ी पूर्व सांसद, आर के रंगा पूर्व आई ए एस, राजरानी पूनम पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री अतर सिंह सैनी, पूर्व मंत्री संपत सिंह, पूर्व विधायक शमशेर गोगी, जगन्नाथ पूर्व सदस्य एचपीएससी, पूर्व विधायक रिशाल सिंह, डॉ. अजय चौधरी, लाल बहादुर खोवाल प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट, केवी सिंह, जयपाल लाली, भूपेन्द्र गंगवा, रामनिवास राडा, प्रताप सिंह पातड़, बलजीत पातड़ ,राजेश पुरखासिया, जोगी राम सिहाग, नवीन केडिया, मंगत राम लालवास, राजेश चाडीवाल, हरिकिशन, हरपाल बुरा, धर्मवीर गोयत, राजू शर्मा, विजेंद्र कपूर, अरविंद शर्मा, शैलेश वर्मा, कृष्ण सातरोड, सूबे सिंह समैन, आनंद जाखड़, वीर भान मेहता, एडवोकेट बजरंग इंदल व जगदीश तायल, सहित काफी गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
इस दौरान पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री चौ. दलबीर सिंह द्वारा हरियाणा के विकास के लिए किए गए कार्यों को याद करते हुए सभी उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गई। चौ. दलबीर सिंह ने हमेशा सिद्धांतों की राजनीति की और हर वर्ग के विकास के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री चौ. दलबीर सिंह का जन्म हिसार जिले के प्रभुवाला गांव में हुआ। उस समय पंजाब व हरियाणा का क्षेत्र संयुक्त पंजाब कहलाता था। उन्होंने पंजाब से अलग होते हरियाणा को करीब से देखा और बदलते राजनीतिक परिदृश्य को भी गंभीरता से समझा। चौ. दलबीर सिंह पर शुरू से ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व जवाहरलाल नेहरू का काफी प्रभाव रहा। वे गांधीवादी विचारधारा व पंडित नेहरू की आधुनिक भारत के नवनिर्माण की विचारधारा का अनुसरण करने लगे। चौ. दलबीर सिंह को चार बार सांसद बनने का मौका मिला। सिरसा लोकसभा का नेतृत्व करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में मंत्री के रूप में बड़ी कुशलता व तत्परता से कार्य किया। विभिन्न विभागों में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य करते हुए चौ. दलबीर सिंह ने देशहित के बहुत से निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे हमेशा ग्रामीण अंचल से जुड़े रहे और और विभिन्न योजनाएं लागू करने में विशिष्ट भूमिका निभाई। आज भी उस दौर के बुजुर्ग उनकी सादगी, ईमानदारी व उनके काम के किस्से गांव-गुहांड में सुनाते नजर आते हैं।
इस अवसर पर पहुंचे अनेक गणमान्यों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री चौ. दलबीर सिंह के पदचिह्नों पर चलते हुए और उनके सिद्धांत अपनाकर सांसद कुमारी सैलजा भी निष्पक्ष, बेदाग व जनहित की राजनीति कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सैलजा की कार्यशैली, तत्परता, अनुशासन व रचनात्मक सोच सभी को प्रभावित करती है। सैलजा ने कभी भी पदों को अहमियत नहीं दी बल्कि कांग्रेस पार्टी के लिए हमेशा ईमानदारी से कार्य किया है और वर्तमान समय में भी पार्टी के विकास के लिए सतत् रूप से प्रयत्नशील हैं। तीन दशकों के राजनीतिक जीवन में सर्व समाज को साथ लेकर चलते हुए सैलजा ने देश की राजनीति में सादगी, ईमानदारी व समर्पण की मिसाल कायम की है। अब सिरसा लोकसभा की सांसद के रूप में भी जनकल्याण के कार्य करने में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।