हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने मंगलवार को विधानसभा सचिवालय के सभी अधिकारियों के साथ बैठक की। अपनी पहली बैठक में कल्याण मोटिवेशनल स्पीकर और सचिवालय स्टाफ के संरक्षक की भूमिका में नजर आए। इस दौरान उन्होंने अपनी कार्यशैली को लेकर विस्तार से बातें रखीं और सचिवालय का वातावरण उत्साहवर्धक बनाने के लिए अनेक टिप्स भी दिए। बैठक के बाद विस अध्यक्ष ने सभी अधिकारियों से व्यक्तिगत बातचीत की।
विस अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र की शीर्ष संस्था विधायिका की गरिमा के अनुसार विधान सभा सचिवालय में सकारात्मक वातावरण और अनुशासन जरूरी है। उन्होंने कहा कि अनुशासन को बोझ न समझते हुए इसका आनन्द लें। अनुशासन और कार्य के प्रति निष्ठाभाव किसी भी क्षेत्र में सफलता का मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि कार्यप्रणाली का मूल तत्व उत्साह होना चाहिए। उत्साह सिर्फ शरीर से नहीं आता, बल्कि यह मानसिक अवस्था है। उन्होंने कहा कि जैसे हम कड़ी मेहनत और बड़ी आशाओं के साथ अपने बच्चों की परवरिश करते हैं, उसी मनोभाव से लोकतंत्र के इस मंदिर को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए निष्ठाभाव से कार्य करें।
उन्होंने कहा कि विधायिका समाज के भाग्य का निर्धारण करती है। समाज को विधायिका से बड़ी अपेक्षाएं हैं। इन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए विधायी कामकाज की उत्कृष्टता अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि विधान सभा का स्टाफ इस कामकाज को संपन्न करवाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस महान संस्था में कार्य करने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है।
कल्याण ने कहा कि गत वर्षों में विधान सभा की कार्यशैली में अनेक सुधार हुए हैं, लेकिन सुधार एक ऐसी प्रक्रिया है जो सतत रूप से जारी रहनी चाहिए। टीम की सामूहिक भावना और सकारात्मक वातावरण से यह सब संभव है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी उन्हें व्यक्तिगत रूप से सुझाव दें। बड़े दृष्टिकोण के साथ सोचें। परस्पर सम्मान की भावना बनी रहे। हम सामूहिक प्रयास से ही इस महान संस्था को ऊंचाई पर लेकर जाने का संकल्प लें।