Pollution Crisis In Delhi: दिल्ली में प्रदूषण संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के इस्तीफे की मांग की है। भाजपा ने राय पर आरोप लगाया है कि उन्होंने दिल्ली के निवासियों के स्वास्थ्य से ज्यादा पंजाब के राजनीतिक हितों को प्राथमिकता दी है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष विरेंद्र सचदेवा ने X पर एक पोस्ट के जरिए राय से पंजाब सरकार के खिलाफ पराली जलाने पर कार्रवाई की मांग करने या फिर अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की है।
भाजपा ने लगाया यह आरोप
भाजपा नेता सचदेवा ने कहा कि पंजाब उत्तरी भारत में पराली जलाने का सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। जिसके कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता बिगड़ती जा रही है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के आंकड़ों के अनुसार इस साल पंजाब में 1,581 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। जो हरियाणा के 665 और उत्तर प्रदेश के 740 से कहीं अधिक हैं।
सचदेवा ने राय पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह पंजाब के राजनीतिक हितों को दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य से ऊपर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में पंजाब सरकार को फटकार लगाई थी। क्योंकि राज्य ने पराली जलाने में शामिल किसानों को जुर्माने से छूट दी थी।
आप सरकार पर हमला, स्थिति और बिगड़ने का आरोप
भाजपा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के पंजाब में सत्ता में आने के बाद पराली जलाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। सचदेवा ने कहा कि पिछले साल पंजाब में लगभग 9,000 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई थी। जबकि हरियाणा में यह संख्या 1,000 से भी कम थी। उन्होंने आप सरकार पर आरोप लगाया कि वह बड़े पैमाने पर पराली जलाने में शामिल भ्रष्ट किसानों की रक्षा कर रही है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर प्रभाव
सर्दियों के महीनों में दिल्ली की हवा में प्रदूषण की गंभीर समस्या पराली जलाने से और भी बढ़ जाती है। जो यहां के निवासियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन जाती है। राजधानी में वायु गुणवत्ता के बिगड़ते स्तर के बीच भाजपा और आप सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। आप का दावा है कि प्रदूषण हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे भाजपा शासित राज्यों से आ रहा है। जबकि भाजपा का कहना है कि पराली जलाने के लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार है।
प्रदूषण कम करने के उपाय और प्रतिबंध
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने हाल ही में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के परिवहन मंत्रियों को पत्र लिखकर दिल्ली में डीजल बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया। यह अनुरोध ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण-II के तहत किया गया है। जिसमें कोयला और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध है। इसके अलावा आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर डीजल जेनरेटर सेट के उपयोग पर भी रोक लगाई गई है।
इन उपायों का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करना और वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है। हालांकि प्रदूषण प्रबंधन को लेकर दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। जो राजनीतिक तनाव को और बढ़ा रहा है।