नयी दिल्ली : पूरी ताकत के साथ दिल्ली सरकार के ऑड ईवन फॉर्मूले का दूसरा संस्करण फ्लॉप हो गया। दावा किया जा रहा था कि ऑड ईवन से राजधानी में प्रदूषण का स्तर कम होगा लेकिन जो आंकड़े आए हैं वो बिल्कुल विपरीत हैं। इंडिया स्पेंड वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषण कम नहीं हुआ बल्कि 23 फीसदी बढ़ गया है। यह आंकड़ा 15 अप्रैल से लेकर 29 अप्रैल तक का है।
ऑड ईवन का आज अंतिम दिन है और इस आंकड़े से साफ होता है कि यह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सका। आज लोधी रोड पर पीएम (particulate matter) 2.5 का स्तर 245 जबकि पीएम 10 का स्तर 219 रहा है। प्रदूषण के लिहाज से बेहद खराब स्तर है यानि दिल्ली की हवा साफ नहीं हुई है। दिल्ली अभी भी गैस चेंबर बनी हुई है।
कम नहीं हुई कारों की संख्या
सर्वे की मानें तो ऑड ईवन के चलते दिल्ली में कारों की संख्या कम नहीं हुई। ट्रैफिक केवल एक फीसदी कम हुई है। गाड़ियों की स्पीड में 2 से 3 किमी की मामूली बढ़त देखी गई है। ध्यान देने वाली बात ये है कि निजी गाडियों पर यह फॉर्मूला लागू होने के बाद सड़कों पर टैक्सी की संख्या बढ़ी है। लोगों ने कार पुलिंग की जिससे सड़कों पर कारों की संख्या कम नहीं हुई। इस दौरान बीजेपी के 8 सांसदों ने तोड़ा ऑड-ईवन नियम, परेश रावल ने मांगी केजरीवाल से माफी।
पुरानी कारों से बढ़ा प्रदूषण
ऑड-ईवन में सीएनजी गाडि़यों को छूट मिलने के कारण नकली सीएनजी स्टीकर का भी खूब इस्तेमाल किया गया। वहीं इस दौरान पुरानी कारों का भी बहुत इस्तेमाल हुए जिससे प्रदूषण में बढॉत देखी गई। दिल्ली में रोजाना 12 हजार नई गाड़ियां बिक रही है।