एनडीए की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि विगत दस सालों में जब-जब कांग्रेस पार्टी खतरे में आती हैं तब-तब संविधान खतरे में, का नारा देकर जनता को गुमराह किया जाता है, जबकि इंदिरा गांधी जी ने और बाद में कई कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों ने यह काम किया.
कांग्रेस पर परिवारवाद के आरोप को दोहराते हुए पीएम मोदी ने कहा कि डॉ बाबासाहेब अंबेडकर ने संविधान को अंतिम रूप दिया.
उन्होंने आगे कहा कि संविधान जन्म पर आधारित भेदभाव मिटाने का संकल्प करते हैं. मगर जहां-जहां एक ही घराना पार्टी तंत्र चलाता हैं वहां-वहां जन्म पर आधारित भेदभाव मजबूत होते है. यह लोग ही संविधान को खतरे में लाए हैं, जिन मुद्दों को भाजपा ने अहम मुद्दे माना. उनमें धारा 370 हटाने की बात, सेक्युलर नागरिक कानून और गोवंश हत्या पर पाबंदी, संविधान के मार्गदर्शक तत्वों में से हैं. हमने संविधान निर्माताओं की सोच को आगे रखा जब कि कांग्रेस ने हमेशा इन बिंदुओं का विरोध ही किया.
कांग्रेस पर यूं बोला हमला
कांग्रेस का नाम लिए बगैर पीएम मोदी ने कहा कि फूट-डालो और राज-करो की प्रवृत्ति वाले लोग संविधान का नाम लेकर ही उसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं. साथ ही कहा कि इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर और राजीव गांधी ने शाहबानो के विषय में संविधान के स्पिरिट को कुचलकर यही काम किया था. हम इन कारनामों के बारे में लोक शिक्षण का कार्य करेंगे.
अमृत महोत्सव पर कही यह बात
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि संविधान का अमृत महोत्सव हमारे लिए सिर्फ इवेंट नहीं है, ये सिर्फ उत्सव नहीं बल्कि हमारी प्रतिबद्धता अपनी कृतियों से रेखांकित करने का यह एक अवसर है. हम संविधान-सेवक बनकर जन-जागरण करेंगे और संविधान की पवित्रता का रक्षण करने का संकल्प जन-साधारण तक पहुंचाएंगे. संविधान भारत के भविष्य को सुरक्षित रखने का दायित्व हमें देता है.