नई दिल्ली/टीम डिजिटल। पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में शुक्रवार तड़के अज्ञात हथियारबंद लोगों ने रॉकेट लॉन्चर और स्वचालित हथियारों से एक निजी कोयला खदान पर हमला कर दिया, जिसमें अफगानिस्तान के नागरिकों समेत कम से कम 20 खनिक मारे गए और आठ अन्य घायल हो गए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मुहम्मद बलूच ने बताया कि हथियारबंद लोगों के एक समूह ने प्रांत के डुकी इलाके में जुनैद कोल कंपनी पर हमला किया और फिर पहाड़ियों में भाग गए। यह हमला पाकिस्तान में हिंसा की कड़ी में नवीनतम है। यह हमला राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से ठीक पहले हुआ है।
बलूच ने कहा, “यह एक आतंकवादी हमला था और खदान में काम करने वाले श्रमिकों के पास बचने का कोई मौका नहीं था क्योंकि वे अभी काम शुरू ही कर रहे थे कि उन पर गोलीबारी कर दी गई।”
उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर लगभग 50 श्रमिक थे और उनमें से कुछ पास के पहाड़ों में भागकर या खदानों की गहराई में छिपकर सुरक्षित बच गए। उन्होंने बताया कि कुछ खदानकर्मी अफगानिस्तान के रहने वाले थे। डुकी के ‘डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन’ हाजी खैरुल्ला नासिर के अनुसार, हमलावरों ने हमले में हथगोले और रॉकेट लांचर का इस्तेमाल किया।
उन्होंने बताया कि इस इलाके में दस कोयला खदानें हैं। नासिर ने बताया कि हमलावरों ने घटनास्थल से भागने से पहले खनन में इस्तेमाल होने वाली मशीनों में भी आग लगा दी। डुकी के एक डॉक्टर जौहर खान शादिजई ने कहा, “हमें जिला अस्पताल में अब तक 20 शव और छह घायल मिले हैं।”
अब तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। हमले के बाद पुलिस, अर्धसैनिक फ्रंटियर कोर (एफसी) और बचाव दल के कर्मी मौके पर पहुंचे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कुछ घायलों की हालत गंभीर है। डुकी के थानाध्यक्ष हमन्यान खान ने बताया कि हथियारबंद लोगों ने पहले खनिकों को अलग-अलग समूहों में इकट्ठा किया और फिर उन पर गोलियां चला दीं।
पुलिस और एफसी की टुकड़ियों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। पाकिस्तान में चालू वर्ष में आतंकवादी हमलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है, तथा पहली तीन तिमाहियों में हुई मौतों की संख्या 2023 में दर्ज की गई संख्या से भी अधिक हो गई है।
सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस) द्वारा जारी तीसरी तिमाही रिपोर्ट (क्यू3) के अनुसार, 2023 में 1,523 की तुलना में 2024 की पहली तीन तिमाहियों में मरने वालों की संख्या कम से कम 1,534 हो जाएगी। ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से सटा बलूचिस्तान लंबे समय से हिंसक विद्रोह का गढ़ रहा है।
बलूच विद्रोही समूहों ने पहले भी सीपीईसी परियोजनाओं को निशाना बनाकर कई हमले किए हैं। प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) इस्लामाबाद की संघीय सरकार पर स्थानीय लोगों की कीमत पर तेल एवं खनिज-समृद्ध बलूचिस्तान का अनुचित दोहन करने का आरोप लगाता रहा है, हालांकि प्रशासन इसे खारिज करता है।