नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को आदेश दिया है कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 30 अप्रैल के बाद से डीजल टैक्सी नहीं चलेंगी। यह फैसला डीजल वाहनों पर ग्रीन सेस लगाने से संबंधित सुनवाई के दौरान दिया गया। कोर्ट ने इन कारों को 30 अप्रैल तक सीएनजी कारों में कन्वर्ट करने की समय सीमा तय की थी, जिसे बढ़ाने का अनुरोध टाल दिया है। कोर्ट ने कहा है कि 2 हजार सीसी इंजन की गाड़ी होने पर 30 प्रतिशत न ग्रीन टैक्स देना होगा।
टैक्सी ऑपरेटरों ने कोर्ट में दलील दी कि ऐसी कोई तकनीक मौजूद नहीं है, जो डीजल कारों को सीएनजी में बदल दे। इस पर कोर्ट ने कहा कि पहले ही समय सीमा बढ़ाई जा चुकी है। उन्हें अब तक विकल्पों के बारे में सोच लेना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 2000 सीसी या इससे ज्यादा के 190 डीजल वाहनों पर ग्रीन सेस लगाकर खरीदने की अनुमति दी।
कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड को डीजल से चलने वाले पानी के टैंकरों को खरीदने की अनुमति दी है। इससे एक दिन पहले कोर्ट ने डीजल कारों से हो रहे प्रदूषण पर सुनवाई टालने का केंद्र सरकार का आग्रह ठुकरा दिया था। इसमें मर्सेडीज, टोयोटा, महिंद्रा और जनरल मोटर्स जैसी बड़ी ऑटोमोबिल कंपनियों का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 2000 सीसी और इससे अधिक की इंजन क्षमता वाली बड़ी डीजल कारों के पंजीकरण की अनुमति का अनुरोध शामिल है।
पीठ ने जताई नाखुशी
सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने शनिवार को किसी भी विधि अधिकारी के मौजूद न होने के आधार पर सुनवाई टालने का आग्रह किया था। इस पर चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने नाखुशी जताई। कोर्ट ने सुनवाई स्थगित करने से इनकार करते हुए कहा, ‘हमने गैर कामकाजी दिवस पर सुनवाई तय की और सभी पक्ष पहले इस पर सहमत थे।