प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लाओस में अपने समकक्ष लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफानदोन के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की। दोनों नेताओं की यह मुलाकात ईस्ट एशिया सम्मेलन से अलग हुई।
दोनों नेताओं की मुलाकात में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा हुई, खासकर आर्थिक और रक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर बात हुई। पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को लाओस की राजधानी वियेनतियान पहुंचे थे, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया।
इन क्षेत्रों में सहयोग पर हुई चर्चा
दोनों नेताओं की बैठक में पीएम मोदी ने लाओस के प्रधानमंत्री को आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और ईस्ट एशिया सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। भारत और लाओस के शीर्ष नेताओं की मुलाकात में दोनों देशों के बीच क्षमता निर्माण, आपदा प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा, लोगों के लोगों से संबंध, आर्थिक संबंध, रक्षा सहयोग के मुद्दों पर साथ काम करने की सहमति बनी। लाओस के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी को चक्रवाती तूफान यागी के दौरान मदद देने के लिए धन्यवाद दिया।
इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच लाओस में विश्व विरासत स्थल वात फोउ के संरक्षण के लिए भी सहमति के दस्तावेज पर हस्ताक्षर हुए। भारत का पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग इस काम में लाओस की सरकार की मदद करेगा। साथ ही भारत और लाओस के बीच मेकॉन्ग-गंगा सहयोग पर भी सहमति बनी है।
विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि, ‘भारत-लाओस साझेदारी को नई गति प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लाओ पीडीआर के प्रधानमंत्री सोनेक्सय सिफानदोन ने भारत-लाओस संबंधों को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से रचनात्मक चर्चा की, जिसमें विरासत संरक्षण, विकास साझेदारी, क्षमता निर्माण, आर्थिक, रक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच संबंध जैसे सहयोग के प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।’ भारत लाओस में पोषण सुरक्षा में सुधार के लिए करीब 10 लाख अमेरिकी डॉलर की अनुदान सहायता भी देगा। भारत संयुक्त राष्ट्र विकास भागीदारी कोष के माध्यम से यह सहायता दक्षिण-पूर्व एशिया में कोष की पहली ऐसी परियोजना होगी।