दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर उनके सम्मान में महाराष्ट्र और झारखंड सरकार ने आज यानि 10 अक्तूबर को राजकीय शोक घोषित किया है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बयान जारी किया गया है। जिसमे कहा गया है कि प्रदेश में सभी सरकारी कार्यालयों की बिल्डिंग पर लगा राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। बता दें कि 9 अक्टूबर, 2024 को 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रतन टाटा ने अंतिम सांस ली।
टाटा समूह के पथप्रदर्शक के रूप में रतन टाटा की यात्रा किसी किंवदंती से कम नहीं है। 1991 में अपने चाचा जेआरडी टाटा के बाद उन्होंने समूह को वैश्विक शक्ति में बदल दिया, जिसकी 30 से अधिक कंपनियां 100 से अधिक देशों में काम कर रही हैं। उनके नेतृत्व ने न केवल टाटा नाम को नई बुलंदियों तक पहुंचाया बल्कि दुनिया भर में भारतीयों के बीच गर्व की भावना भी पैदा की।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री दीपक केसरकर ने ब्रीच कैंडी अस्पताल का दौरा किया, जहां रतन टाटा का निधन हुआ था, उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि सम्मान के तौर पर मुंबई में सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। यह निर्णय राज्य और उसके शासन पर टाटा की विरासत के महत्वपूर्ण प्रभाव को रेखांकित करता है। जनता को श्रद्धांजलि देने के लिए रतन टाटा के पार्थिव शरीर को दक्षिण मुंबई में नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) में रखा जाएगा। गुरुवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक अंतिम दर्शन का समय निर्धारित है, उसके बाद वर्ली इलाके में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
अतिरिक्त आयुक्त अभिनव देशमुख के निर्देशन में मुंबई पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि इस शोकपूर्ण अवसर को सुविधाजनक बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हों।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन्हें “भारत का रत्न” और “हमारे देश का कोहिनूर” कहा, साथ ही उनके विशाल प्रेरणादायक प्रभाव और परोपकारी प्रयासों की प्रशंसा की। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इन भावनाओं को दोहराया और भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा और सामाजिक विकास में टाटा के अद्वितीय योगदान को स्वीकार किया।