जननायक जनता पार्टी के नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आगामी चुनाव से पहले भाजपा के साथ गठबंधन टूटने पर खुलकर बात की है। चौटाला ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा के साथ हमारी सहमति नहीं सकी,यही वजह है कि हमने अलग होने का फैसला लिया और खुद से चुनाव लड़ने का फैसला लिया।
भाजपा से अलग होने की वजह से पार्टी पर क्या असर हुआ, इसपर चौटाला का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों और एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन था। ऐसे में जो क्षेत्रीय दल इन दोनों में से एक का हिस्सा नहीं थे उन्हें विफलता मिली।
लोकसभा चुनाव में सिर्फ 0.87 फीसदी वोट
भाजपा से अलग होने के बाद लोकसभा चुनाव में जेजेपी के प्रदर्शन पर असर पड़ा, जहां उसे महज 0.87% वोट शेयर मिला। दुष्यंत चौटाला ने 2024 के लोकसभा चुनावों की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को स्वीकार किया,उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव से बिल्कुल अलग होते हैं।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हमारी संख्या लोकसभा चुनाव में गिरी, लेकिन अगर आप शिरोमणि अकाली दल की बात करें तो पंजाब में उनका इतना बुरा प्रदर्शन कभी नहीं रहा, उन्हें सिर्फ एक सीट पर जीत मिली। उनका वोट शेयर 13 फीसदी गिर गया।
हरियाणा में अलग है पैटर्न
लेकिन हरियाणा में मतदान का पैटर्न विधानसभा चुनाव में बिल्कुल अलग होगा। आम आदमी पार्टी जो इंडिया गठबंधन का हिस्सा थी, वो हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ रही है। कुरुक्षेत्र में आप का वोट प्रतिशत इसलिए बढ़ा क्योंकि उनके पास कांग्रेस का समर्थन था।
भाजपा की बी टीम!
कांग्रेस नेता भूपिंदर हुड्डा ने दुष्यंत चौटाला की जेजेपी को भाजपा की बी टीम करार दिया है। जिसपर दुष्यंत चौटाला का कहना है कि यह फर्जी और निराधार बात है। दुष्यंत ने कहा कि जेजेपी और एएसपी आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिसका लक्ष्य महत्वपूर्ण जीत हासिल करना और संभावित रूप से सरकार बनाना है।
दुष्यंत चौटाला को भरोसा है कि आगामी चुनाव में उनकी पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहेगा। यह लोकसभा चुनाव की तुलना में बिल्कुल अलग होगा।
हालांकि देखने वाली बात यह है कि क्या प्रदेश में मुकाबला त्रिकोणीय होता है या फिर सीधी लड़ाई कांग्रेस और भाजपा के बीच होगी। अहम बात यह है कि इस बार आम आदमी पार्टी भी हरियाणा में सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।