Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव में राजधानी से सटे फरीदाबाद जिले की छह सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में ही है लेकिन बागी और निर्दलीय प्रत्याशी दोनों दलों के समीकरण बिगाड़ते दिख रहे हैं। सियासी माहौल और प्रत्याशियों के समर्थन का हाल जानने मैं सबसे पहले फरीदाबाद शहर पहुंची। यहां लोगों से बातचीत की तो खुलकर नहीं बाेले, लेकिन अपनी नाराजगी भी जता दी। सीकरी गांव के बहादुर खान ने कहा, पार्टी से अलग होकर विकास की उम्मीद में 2019 में निर्दलीय को जिताया था, वो भाजपा के साथ चले गए, लेकिन कोई काम नहीं हुआ। इसलिए भाजपा से भी नाराजगी है। पृथला गांव के नरेन्द्र तोमर ने कहा, यह क्षेत्र कॉलेज, अस्पताल और सीवरेज जैसी सुविधाओं से वंचित है। यही पीड़ा गांव के लक्ष्मीराम और राजवीर सिंह ने बताई। जिले की अन्य सीटों पर भी लोगों ने कहा, इस बार परिणाम चौंका सकते हैं। चुनाव मैदान में प्रत्याशी वादों और संपर्क के जरिये मतदाता को लुभा रहे हैं वहीं एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी लगा रहे हैं।
सीटों पर इस तरह बन रहे समीकरण
फरीदाबाद: फरीदाबाद सीट पर वैश्य वोट ज्यादा है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने वैश्य प्रत्याशी ही मैदान में उतारे हैं। यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच ही टक्कर है।
फरीदाबाद एनआईटी: पिछले चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी। भाजपा ने यहां से पहले चुनाव लड़े नागेंद्र भड़ाना का टिकट काटकर सतीश फागना को मैदान में उतारा है। टिकट कटने से नाराज नागेंद्र भड़ाना इनेलो में शामिल हो गए हैं और इनेलो-बसपा गठबंधन के टिकट पर उम्मीदवार हैं। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।
तिगांव: तिगांव सीट पर कांग्रेस और भाजपा के समीकरण निर्दलीय प्रत्याशी ललित नागर बिगाड़ते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस ने ललित नागर की जगह युवा नेता रोहित नागर पर भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा है। टिकट काटने से बागी हुए ललित नागर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। जिससे की कांग्रेस कार्यकर्ता भी बंट गए हैं। भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक राजेश नागर पर ही भरोसा जताया है।
बल्लभगढ़: बल्लभगढ़ सीट पर बीजेपी ने 2014 और 2019 में जीते मूलचंद शर्मा पर ही भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक शारदा राठौर का टिकट काटकर पराग शर्मा को टिकट दिया है। टिकट कटने से नाराज शारदा राठौर निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं।