चंडीगढ़ : विपक्ष के नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला न विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली जा रहे किसानों को जिस प्रकार गैर-प्रजातांत्रिक तरीके से हरियाणा सरकार ने रोका है, उसकी कड़ी निंदा की। उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई कि मार्च 23 को जब अनेक राज्यों के किसान हरियाणा से होते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर अपने प्रजातांत्रिक अधिकार के प्रयोग के लिए जा रहे थे तो उन्हें सरकार द्वारा न केवल रोका गया बल्कि अनेकों को हिरासत में भी लिया और उनके विरुद्ध मुकद्दमे भी दायर किए। उन्होंने कहा कि इन किसानों का एकमात्र दोष यह था कि वह अपने दुखों के कारण को दिल्ली जाकर जनता के समक्ष रखना चाहते थे।
अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह किसानों के दमन में केंद्र सरकार का एक साधन बन चुकी है। उन्होंने याद दिलाया कि अभी कुछ समय पूर्व ही भारत के वित्त मंत्री अरुण जेतली ने जानबूझकर संसद और देश के लोगों को गुमराह करते हुए यह दावा किया था कि रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले ही स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर दिया जा रहा है अर्थात उनके लागत मूल्य पर उन्हें 50 प्रतिशत मुनाफा सरकार द्वारा दिया जा रहा है। बजट सत्र में वित्त मंत्री ने यह भी दावा किया कि बहुत शीघ्र खरीफ की फसलों के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य उसी फार्मूले के तहत घोषित कर दिया जाएगा।
विपक्ष के नेता ने कहा कि चूंकि यह दावे मनघडण्त और सच्चाई से कोसों दूर थे इसलिए देशभर के किसान अपने आपको हताशा की स्थिति में भी पाते थे और वह उद्वेलित भी थे। इन परिस्थितियों में किसानों के पास एकमात्र मार्ग यह था कि वह अपना विरोध प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर कूच करें क्योंकि इस प्रकार के मनघडण्त एवं गुमराह करने वाले दावे दिल्ली से ही किए गए थे।
विपक्ष के नेता ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के उस दावे की भी निंदा की जिसमें उन्होंने कहा कि किसी भी किसान को दिल्ली जाने से नहीं रोका गया केवल उनके ट्रैक्टरों को इस कारण रोक लिया गया क्योंकि वे मोटर वाहन एक्ट की उल्लंघना कर रहे थे। पर सच्चाई यह है कि राज्य में किसानों के दमन के लिए 25 अद्धसैनिक बलों की कंपनियां और लगभग पूरी हरियाणा पुलिस तैनात थी। किसानों के दिल्ली कूच करने के 24 घंटे पहले ही सभी मुख्य किसान नेताओं को पुलिस हिरासत में ले चुकी थी ताकि उन्हें उनके प्रजातांत्रिक और संवैधानिक अधिकार से वंचित किया जा सके। किसानों के जख्मों पर नमक छिडक़ते हुए यमुनानगर में तो न केवल किसानों को गिरफ्तार किया गया बल्कि उन पर हत्या के प्रयास का आरोप भी लगाया गया हालांकि सच्चाई यह है कि उन्हें न केवल पुलिस की लाठियां सहनी पड़ी बल्कि उन पर प्लास्टिक बुलेट पर पुलिस ने चलाए।
अभय सिंह चौटाला ने फरीदाबाद और करनाल जिलों में गिरफ्तार हुए किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि यह किसान उत्तरप्रदेश से आ रहे थे परंतु शांतिपूर्वक और बिना किसी रुकावट करने के उनके आवाजाही के अधिकार का हरियाणा सरकार ने ऐसे समय में हनन किया जब ऐसा कोई कानून लागू नहीं था जो उनके एकत्रित होने या उनकी आवाजाही पर रोक लगाता हो। उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति भाजपा का पाखण्डपूर्ण दृष्टिकोण अब सार्वजनिक हो चुका है और वह दिन दूर नहीं जब इसके परिणाम सरकार को भुगतने पड़ेंगे।