देश के कई राज्यों में लगातार गिरते जल स्तर के बीच पंजाब सरकार ने जल संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस खास पहल के तहत मान सरकार ने इस मद में सरकार ने 289.87 करोड़ के फंड का प्रबंध किया है। दरअसल, मान सरकार ये चहती है कि भूजलस्तर का दोहन कम से कम किया जा सके। ऐसे में योजना की जानकारी बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है।
पंजाब में धान की बढ़ती खेती भूजल स्तर के लिए बड़ी समस्य बन चुकी है। मान सरकार से इसका समाधान ढूंढ लिया है। सरकार के नए प्लान के तहत राज्य में धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा।
दरअसल, राज्य सरकार क्रॉप डायवर्सिफिकेशन के लिए एक योजना लेकर आई है। इसके तहत राज्य में धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मदद दी जाएगी। नई स्कीम को लेकर राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि प्रोत्साहन राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इस मद में सरकार ने 289.87 करोड़ के फंड का इंतजाम किया है। दरअसल, भगवंत मान सरकार चाहती है कि किसी भी तरह से भू-जल का दोहन कम किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचा रहे। इसके लिए धान की खेती कम करने, खेती का तौर-तरीका बदलने और ऐसी किस्मों की रोपाई पर जोर दिया जा रहा है जिसमें पानी की खपत कम लगती है। योजना के तहत धान की खेती कम करने, खेती का तौर-तरीका बदलने और ऐसी किस्मों की रोपाई पर जोर दिया जा रहा है जिसमें पानी की खपत कम लगती है।