पंजाब सरकार ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ सरकारी खजाने पर बिजली सब्सिडी का बोझ कम करने का प्लान तैयार किया है। जिसके तहत राज्य भर में कुल 75000 ट्यूबवेल पर सोलर प्लेट लगाने की योजना है। राज्य सरकार की ओर से हाल में तैयार किए गए एक प्रस्ताव में कहा गया है कि बिजली की लागत और खपत में 3-4 प्रतिशत की वृद्धि हर साल हो रही है। ऐसे में बिजली सब्सिडी को लेकर सरकारी खजाने पर दबाव बढ़ता जा रहा। लेकिन पंजाब सरकार ने कृषि सेक्टर को बढ़ावा देने के साथ सब्सिडी का भी दबाव कम करने की योजना तैयार की है।
अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देन के लिए अब पंजाब में सरकार की ओर से व्यापक पहल की तैयारी है। भगवंत मान सरकार ने राज्य में 75,000 ट्यूबवेल पर सोलर प्लेट लगाने का काम शुरू करने जा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश सरका इस योजना को शुरू करने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश बना रही है। इस योजना के तहत केंद्र भी 30 प्रतिशत सब्सिडी देता है।
पंजाब सरकार के एक प्रस्ताव में कहा गया है कि पंप-सेट के सौरकरण करने के लिए पहले 75,000 पंप-सेटों पर काम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा स्कीम के तहत बिजली सब्सिडी बिल में 275 करोड़ रुपये की कमी भी आएगी।
1200 करोड़ रुपये की बचत
पंजाब में 1500 कृषि फीडर पर सोलर प्लेट लगाए जाने है। ऐसे में सब्सिडी बिल में 1,200 करोड़ रुपये की कमी आएगी। जानकारी के मुताबिक, पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (PEDA) को कृषि फीडरों के व्यक्तिगत सौरकरण के लिए एक प्रस्ताव बनाने का काम सौंपा गया है। योजना के तहत, निजी किसान या किसान 500 मेगावाट से 2 किलोवाट की क्षमता वाले अपने स्वयं के अक्षय ऊर्जा संयंत्र लगा सकते हैं।
बता दें कि पंजाब सरकार किसानों के लिए 8 घंटे फ्री में बिजली सप्लाई करती है। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के मुताबिक, प्रदेश में 14.5 लाख से अधिक ट्यूबवेल हैं। इन ट्यूबवेल की बिजली मांग के चलते राज्य में खपत 16,500 मेगावाट को पार करने की संभावना है। ऐसे में भगवंत मान सरकार ने पीएम कुसुम योजना के तहत राज्य सरकार के ट्रेजरी पर बिजली सब्सिडी का लोड करने का योजना बनाई है।