All India Akhara Parishad: प्रयागराज में संगम के तट पर आयोजित होने वाले महाकुंभ-2025 से पहले संतों की संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) ने धार्मिक कर्तव्यों के बजाय वित्तीय गतिविधियों में लिप्त होने के कारण 13 महामंडलेश्वरों और संतों को निष्कासित कर दिया है। इसके अलावा 112 संतों को नोटिस जारी किए गए हैं। इन संतों को 30 जुलाई तक संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं देने पर निष्कासित किया जा सकता है। निष्कासित संतों को महाकुंभ में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
आर्थिक गतिविधियों में लिप्त होने पर कार्रवाई
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और निरंजनी अखाड़े के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि छह संतों की आंतरिक जांच में कई महामंडलेश्वर और संत परीक्षा में पास नहीं हुए। अखाड़ा परिषद संतों की गतिविधियों की समय-समय पर गोपनीय जांच करवाता है और कार्रवाई करता है। जिन संतों को नोटिस दिया गया है उनमें जूना अखाड़े के 54 निरंजनी अखाड़े के 24 और निर्मोही अनी अखाड़े के 34 संतों सहित 13 महामंडलेश्वर, 24 मंडलेश्वर और महंत शामिल हैं।
13 संत अखाड़ों से निष्कासित
अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत राजेंद्र दास के अनुसार निर्माेही अनी अखाड़े से निष्कासित संतों में नासिक के महामंडलेश्वर जयेंद्रानंद दास, चेन्नई के महामंडलेश्वर हरेंद्रानंद, अहमदाबाद के महंत रामदास, उदयपुर के महंत अवधूतानंद और कोलकाता के महंत विजयेश्वर दास शामिल हैं।